West Bengal Panchayat Election: क्या बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के लिए बनाए 'सुरक्षित ठिकाने'?

West Bengal Panchayat Election 2023: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव में जारी हिंसा के बीच बीजेपी अपने प्रत्याशियों के लिए सुरक्षित ठिकाने बना रही है. दरअसल कई बीजेपी प्रत्याशियों का कहना है कि उन पर खतरा मंडरा रहा है और वो अपने घर वापस नहीं लौट सकते. एक प्रत्याशी का कहना है कि वह चुनाव लड़ रहा है लेकिन अपने क्षेत्र में नहीं जा सकता.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 21, 2023, 06:39 PM IST
  • चुनावी हिंसा में अब तक 9 लोगों की मौत.
  • कोर्ट ने दिए केंद्रीय सुरक्षा बल लगाने के आदेश.
West Bengal Panchayat Election: क्या बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों के लिए बनाए 'सुरक्षित ठिकाने'?

नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव इस बार केंद्रीय सुरक्षा बलों की निगरानी में संपन्न कराए जाएंगे. कलकत्ता हाईकोर्ट के इस निर्णय पर अब सुप्रीम कोर्ट भी मुहर लगा चुका है. सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की कि हिंसा के माहौल में चुनाव नहीं कराया जा सकता. चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र होना चाहिए. लेकिन इन सबके बीच ऐसी भी खबरें सामने आ रही हैं कि बीजेपी के प्रत्याशी भय  के कारण अपने घरों को वापस नहीं जा रहे हैं. इसी वजह से बीजेपी अपने प्रत्याशियों के लिए 'सुरक्षित ठिकाने' बना रही है.

बीजेपी प्रत्याशियों में डर- घर जाना मुश्किल
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया है कि कई बीजेपी प्रत्याशियों को यह डर है कि अगर वो अपने घरों को वापस लौटे तो उन्हें हिंसा का शिकार होना पड़ सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक एक प्रत्याशी का कहना है- हमें 2018 में बीजेपी का सपोर्ट करने के कारण घर से बाहर फेंक दिया गया था. इस बार भी अगर केंद्रीय सुरक्षा बल नहीं आते हैं तो शायद हम कभी वापस न लौट सकें. हम प्रत्याशी हैं लेकिन अपने क्षेत्र के भीतर घुस भी नहीं सकते. 

कई जिलों में सुरक्षित ठिकाने
एक बीजेपी नेता के मुताबिक कई जिलों में प्रत्याशियों के लिए सुरक्षित ठिकाने बनाए गए हैं. उनका कहना है कि पार्टी के प्रत्याशियों की रक्षा करना पार्टी की जिम्मेदारी है. बीजेपी कलकत्ता के अलावा भी कई जिलों में इस तरह व्यवस्था कर रही है.

82000 केंद्रीय दल मंगाने का निर्देश
शीर्ष अदालत के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयुक्त ने केंद्रीय सशस्त्र बलों की महज 22 कंपनियों के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय से मांग की थी जिसे लेकर विवाद शुरू हो गया. अब कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल के राज्य चुनाव आयोग को पंचायत चुनावों में तैनाती के लिए 24 घंटे के भीतर 82,000 केंद्रीय बलों की मांग का निर्देश दिया है. इस बीच बुधवार को झड़पों और हिंसा से संबंधित मौत का एक और मामला सामने आया, जब गोली लगने से घायल एक युवा मापका कार्यकर्ता की मौत हो गई. मृतक की पहचान मंसूर आलम (23) के रूप में हुई है, जिसे उत्तरी दिनाजपुर जिले के चोपड़ा में नामांकन चरण के दौरान हुई हिंसा में गोली लगी थी. गंभीर रूप से घायल मंसूर को 15 जून को एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मंगलवार देर रात उसकी मौत हो गई.

अब तक 9 की मौत
इसके साथ ही 8 जून को पंचायत चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद से चुनाव संबंधी हिंसा के कारण मरने वालों की कुल संख्या नौ हो गई है. चुनावी हिंसा में दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर में सबसे ज्यादा तीन लोग मारे गए हैं.

माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती ने अपने कार्यकर्ता की मौत पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इतने लोगों की मौत की सूचना के बाद भी राज्य सरकार या राज्य चुनाव आयोग केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अनिच्छुक है.

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