Tejashwi Yadav: लालू की स्टाइल, नीतीश की इमेज.... कैसे खुद को रिब्रांड कर रहे तेजस्वी यादव?

Tejashwi Yadav Bihar: बिहार में विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जन विश्वास यात्रा पर जा रहे हैं. इस तरह की यात्रा नीतीश कुमार कई बार निकल चुके हैं. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Feb 20, 2024, 02:29 PM IST
  • नीतीश और लालू की मिलीजुली छवि
  • तेजस्वी सबसे मेल-मिलाप बना रहे
Tejashwi Yadav: लालू की स्टाइल, नीतीश की इमेज.... कैसे खुद को रिब्रांड कर रहे तेजस्वी यादव?

नई दिल्ली: Tejashwi Yadav Bihar: प्रकृति का सबसे तटस्थ नियम है कि बदलाव शाश्वत है. परिवर्तन तभी संभव है, जब एक पीढ़ी गुजर जाती है और दूसरी पीढ़ी अपना आधार बनाने में जुट जाती है. बिहार में एक नए सियासी दौर की शुरुआत हो रही है. राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले नीतीश कुमार और लालू यादव की उम्र बढ़ रही है. बिहार में तेजस्वी और सम्राट चौधरी जैसे नेता नई सियासत के जरिये अपनी पैठ बनाने में जुटे हैं. तेजस्वी यादव भले लालू के बेटे हैं, लेकिन वह भी अपने आप को रिब्रांड करने की कोशिश कर रहे हैं. यूं भी कह सकते हैं लालू परिवार से ताल्लुक होने के चलते ही तेजस्वी को रिब्रांडिंग की जरूरत पड़ी है. 

क्यों खुद छवि बदल रहे तेजस्वी?
बिहार में पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव के विरोधी उनके शासन को आज भी जंगलराज के तौर पर प्रचारित करते हैं. कुछ हद तक यह बात जनता के मन में भी बैठ गई है. इसके अलावा, चारा घोटाला करने के आरोपों के चलते लालू यादव की छवि भी धूमिल हुई है. हालांकि, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि लालू यादव ने अपने RJD का एक कोर वोट बैंक तैयार किया है, जो उन्हें आज भी अपना नेता मानता है. यही कारण है कि तेजस्वी का लालू परिवार से होना पॉजिटिव और नेगेटिव, दोनों नजरिये से देखा जाता है. RJD का पारंपरिक वोटर तो तेजस्वी के साथ इसलिए है, क्योंकि वो लालू के बेटे हैं. लेकिन यूथ वोटर से कनेक्ट बनाने के लिए तेजस्वी को 'जंगलराज' जैसे परसेप्शन को तोड़ना होगा. 

तेजस्वी कैसे बदल रहे अपनी छवि?
1. यूथ पर कर रहे फोकस: तेजस्वी ने बीते 17 महीने में उन मुद्दों पर काम किया है, जिनसे यूथ को प्रभावित किया जा सकता है. इनमें सबसे बड़ा मुद्दा रोजगार था. RJD का दावा है कि उनके सरकार में रहते हुए करीब 4 लाख नौकरियां मिली हैं. तेजस्वी ने 2025 तक 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया था. लेकिन समय सीमा से से पहले ही वो सत्ता से हट गए.  

2. लालू जैसा वाक्चातुर्य: तेजस्वी ने हाल ही में बिहार विधानसभा में स्पीच दिया था. उन्होंने भाषण में आरोप-प्रत्यारोप की बजाय अपने कार्यकाल के काम गिनवाए, नीतीश का धन्यवाद दिया, उन्हें पिता तुल्य बताया और लालू परिवार को निडर कहा. तेजस्वी के विरोधियों ने भी उनकी वाक्पटुता की तारीफ़ की. तेजस्वी का बोलने का अंदाज लालू जैसा था. शब्दों को बोलने का तरीका एकदम लालू जैसा था. 

3. नीतीश जैसी इमेज: तेजस्वी ने कहा है कि 17 महीने की सरकार में क्षमता का 10 फीसदी काम ही कर पाए. उन्होंने अपनी इमेज एक वर्किंग पॉलिटिशियन की तरह पेश की, जिसे नीतीश करते रहे हैं. नीतीश की छवि बेदाग है, तेजस्वी भी इसी राह पर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं.  
  
4. सबसे मेल-मिलाप: जब साल 2022 में नीतीश RJD से गठबंधन तोड़कर BJP के साथ गए थे, तब तेजस्वी ने उन्हें 'पलटू चाचा' कहा. लेकिन इस बार तेजस्वी नीतीश के प्रति सॉफ्ट नजर आए, उन्हें राजा दशरथ की तरह बताया. यह दर्शाता है कि दो साल में तेजस्वी ने अपने सियासी तौर-तरीकों को बदला है. 

गुरु की राह पर चेला
तेजस्वी लालू के बेटे हैं, इस कारण पिता के गुण आना तो स्वभाविक है. तेजस्वी ने स्टाइल भले लालू जैसा रखा है, लेकिन इमेज नीतीश जैसी बना रहे हैं. इसका सबसे ताजा उदाहरण तेजस्वी की जन विशवास यात्रा है. नीतीश कुमार ने भी अपने राजनीतिक जीवन में करीब 14 यात्राएं निकाली हैं. 2005 की न्याय यात्रा से लेकर 2023 की समाधान यात्रा तक नीतीश ने बिहार को कई बार नाप लिया है. तेजस्वी नीतीश को अपना राजनीतिक गुरु बता चुके हैं. इस बार वो अपने गुरु का गुर ही अपना रहे हैं. 

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