'झंडा वेंकैया' ने डिजाइन किया था भारतीय ध्वज, जानिए तिरंगा बनने की कहानी

Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस को अब कुछ ही दिन बचे हैं. इस दिन हर कोई तिरंगा फहराता है और उसे सम्मानपूर्वक नमन करता है. गणतंत्र दिवस हो या अन्य राष्ट्रीय पर्व उसमें तिरंगा अनिवार्य रूप से होता है लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज को किसने डिजाइन किया था और इसके बनने की कहानी क्या है?

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jan 14, 2025, 05:02 PM IST
  • पांच साल तक कई झंडों का किया अध्ययन
  • महात्मा गांधी ने झंडे में जुड़वाया सफेद रंग
'झंडा वेंकैया' ने डिजाइन किया था भारतीय ध्वज, जानिए तिरंगा बनने की कहानी

नई दिल्लीः Republic Day 2025: गणतंत्र दिवस को अब कुछ ही दिन बचे हैं. इस दिन हर कोई तिरंगा फहराता है और उसे सम्मानपूर्वक नमन करता है. गणतंत्र दिवस हो या अन्य राष्ट्रीय पर्व उसमें तिरंगा अनिवार्य रूप से होता है लेकिन क्या आपको पता है कि भारत के राष्ट्रीय ध्वज को किसने डिजाइन किया था और इसके बनने की कहानी क्या है? 

पांच साल तक कई झंडों का किया अध्ययन

स्वतंत्रता सेनानी और कृषि वैज्ञानिक पिंगली वेंकैया को तिरंगा बनाने का श्रेय दिया जाता है. झंडा बनाने के बाद वह 'झंडा वेंकैया' के नाम से भी मशहूर हुए. आंध्र प्रदेश के रहने वाले पिंगली वेंकैया कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे थे. तब उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई थी. तब महात्मा गांधी ने उनको भारत के लिए झंडा बनाने के लिए कहा था. इसके बाद साल 1916 से 1921 के बीच करीब पांच वर्षों तक पिंगली वेंकैया ने अलग-अलग देशों के झंडों का अध्ययन किया. 

महात्मा गांधी ने झंडे में जुड़वाया सफेद रंग

उन्होंने महात्मा गांधी के सामने झंडे के 30 डिजाइन पेश किए थे. इनमें हरे और लाल रंग की दो पट्टयां थीं. वहीं केंद्र में महात्मा गांधी का चरखा था. पिंगली वेंकैया ने महात्मा गांधी को कांग्रेस अधिवेशन में लाल और हरे रंग का झंडा दिखाया. कहा जाता है कि इसके बाद दो पट्टियों वाला और चरखे वाले झंडा प्रचलित हुआ था. बाद में महात्मा गांधी ने ही वेंकैया को सुझाव दिया था कि इस झंडे में शांति के प्रतीक के तौर पर सफेद रंग को भी शामिल किया जाए.

चरखे की जगह चक्र किया गया शामिल

बाद में झंडे में बदलाव करते हुए बीच में सफेद रंग की पट्टी जोड़ी गई. फिर बाद में चरखे की जगह चक्र लगाया गया. साल 1931 में केसरिया, सफेद और हरे रंग वाले झंडे को स्वीकार किया गया था. फिर 21 जुलाई 1947 को इसे राष्ट्रीय ध्वज के तौर पर अपनाया गया. आजादी के बाद इसमें चरखे के जगह अशोक चक्र शामिल किया गया.

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