Nitish-Lalu: 34 साल पहले लालू यादव को इस बड़े पद पर बैठाने के लिए नीतीश कुमार ने झोंक दी थी ताकत

नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचे और उनसे मुलाकात की. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार अब जेडीयू के साथ बिहार में सरकार बनाएंगे. यानी एक बार फिर नीतीश कुमार और लालू यादव एक साथ आ रहे हैं.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 9, 2022, 05:34 PM IST
  • साल 1974 में दोनों आए नजदीक
  • 1985 में विधानसभा पहुंचे नीतीश
Nitish-Lalu: 34 साल पहले लालू यादव को इस बड़े पद पर बैठाने के लिए नीतीश कुमार ने झोंक दी थी ताकत

नई दिल्लीः नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के आवास पर पहुंचे और उनसे मुलाकात की. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार अब जेडीयू के साथ बिहार में सरकार बनाएंगे. यानी एक बार फिर नीतीश कुमार और लालू यादव एक साथ आ रहे हैं.

1974 में दोनों आए नजदीक
हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब नीतीश और लालू के बीच दोस्ती होने जा रही है, बल्कि दोनों में छात्र आंदोलन के दिनों में एक-दूसरे के नजदीक आए थे. बताया जाता है कि 1974 में संपूर्ण क्रांति के दौरान दोनों पास आए थे. दोनों को जयप्रकाश नारायण (जेपी) का शिष्य बताया जाता है. 

1985 में विधानसभा पहुंचे नीतीश
कहा जाता है कि संपूर्ण क्रांति के दौरान नीतीश कुमार 24 साल के थे और पटना यूनिवर्सिटी के छात्र थे. वहीं लालू यादव की उम्र 27 साल थी, वह पटना कॉलेज से पढ़ाई कर रहे थे. दोनों राजनीति में अपना सफर तय करते रहे. बताया जाता है कि 1985 में लालू यादव और नीतीश कुमार विधानसभा में पहुंचे, लेकिन दो साल बाद 1988 में कर्पूरी ठाकुर का निधन हो गया. 

नीतीश ने की लालू की मदद
बताते हैं कि नीतीश कुमार ने लालू यादव को नेता प्रतिपक्ष बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया. नीतीश कुमार बखूबी जानते थे कि जो नेता प्रतिपक्ष होगा, वो बाद में बिहार का सीएम भी होगा! नीतीश ने मेहनत कर विधायकों को लालू के पक्ष में खड़ा कर दिया. राजनीतिक जानकार कहते हैं कि नीतीश का साथ नहीं होता तो शायद लालू यादव 1990 में बिहार के सीएम बन पाते.

नीतीश लालू की राहें जुदा हुईं पर दिल नहीं
हालांकि, बाद में नीतीश कुमार और लालू यादव की राहें जुदा हो गईं. नीतीश कुमार समता पार्टी और जेडीयू के बैनर तले राजनीति करने लगे. लेकिन, कहा जाता है कि नीतीश और लालू के रिश्तें खराब नहीं हुए. यही वजह रही कि 2013 में लालू-नीतीश फिर साथ आ गए. इसके बाद 2015 में महागठबंधन की सरकार भी बनी. 

'मेरे भाई समान दोस्त का बेटा है'
लालू और नीतीश के रिश्तों की बानगी बिहार विधानसभा में हुए एक प्रकरण से भी मिलती है, जब नवंबर 2020 में तेजस्वी यादव के आरोपों पर गुस्साए नीतीश कुमार ने कहा था, हम अब तक इसलिए चुप थे कि ये हमारे बेटे के समान है. मेरे भाई समान दोस्त का बेटा है. इसलिए सुनता रहता हूं. इसके पिता हमारे उम्र के हैं. ये बकवास किए जा रहा है, ये झूठ बोलता है.

यह भी पढ़िएः Nitish Kumar Resigns: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का इस्तीफा, जानिए राज्यपाल से मिलने के बाद क्या बोले

 

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.  

ट्रेंडिंग न्यूज़