स्टूडेंट्स के लिए जरूरी खबर! NCERT निदेशक ने बताया, कब से आ रहीं नई किताबें

NCERT की किताबों में किया गया बदलाव किसी को खुश या फिर नाराज करने के लिए उद्देश्य से नहीं किया गया है. एनसीईआरटी के चीफ दिनेश प्रसाद सकलानी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को यह बताते हुए कहा कि यह बदलाव विशुद्ध रूप से विशेषज्ञ सलाह के आधार पर किए गए हैं. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 6, 2023, 06:36 AM IST
  • हर विषय में कुछ सामग्री की गई है कम
  • नई पुस्तकें डिजाइन कर रहा एनसीईआरटी
स्टूडेंट्स के लिए जरूरी खबर! NCERT निदेशक ने बताया, कब से आ रहीं नई किताबें

नई दिल्लीः NCERT की किताबों में किया गया बदलाव किसी को खुश या फिर नाराज करने के लिए उद्देश्य से नहीं किया गया है. एनसीईआरटी के चीफ दिनेश प्रसाद सकलानी ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को यह बताते हुए कहा कि यह बदलाव विशुद्ध रूप से विशेषज्ञ सलाह के आधार पर किए गए हैं. 

उनका कहना है कि एनसीईआरटी अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर सभी कक्षाओं के लिए नई पुस्तकें लाने जा रहा है. फाउंडेशन स्तर पर नई पुस्तकें बनाने का कार्य तो पूरा भी हो चुका है.

हर विषय में कुछ सामग्री की गई है कम
एनसीईआरटी चीफ के मुताबिक, यह बदलाव केवल इतिहास की किताब में ही नहीं किया गया, बल्कि हर विषय में से कुछ सामग्री कम की गई है, ताकि परीक्षा के दौरान छात्रों का बोझ कम हो सके और उन्हें कम सवालों का उत्तर देना पड़े. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पुस्तकों में किया गया बदलाव किसी केवल खास व्यक्ति, घटना, कालखंड या संस्था आधारित नहीं है बल्कि इसमें महात्मा गांधी, निराला और मुगल सभी कुछ शामिल है.

नई पुस्तकें डिजाइन कर रहा एनसीईआरटी
उन्होंने बताया कि यह बात सही है कि एनसीईआरटी सभी कक्षाओं के लिए नई पाठ्यपुस्तक ए तैयार कर रहा है. एनसीईआरटी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर नई पुस्तकें डिजाइन कर रहा है. फाउंडेशन स्तर की पुस्तकें तैयार भी हो चुकी हैं और अगले 2 महीने के भीतर यह पुस्तकें उपलब्ध होंगी. 

बड़ी कक्षाओं के लिए भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के आधार पर नई पुस्तकें तैयार की जा रही हैं. इन पुस्तकों पर अभी काम चल रहा है और इन पुस्तकों को आने में 1 वर्ष का समय लग सकता है.

किताबों में बदलाव की बताई ये वजह
पुस्तकों में मौजूदा बदलाव को लेकर उन्होंने कहा कि यह कोई बहुत बड़े बदलाव नहीं हैं. दूसरी बात यह है कि यह सभी बदलाव बीते वर्ष किए गए थे. सभी ने देखा है कि तब कोरोना की क्या स्थिति थी. छात्रों को पढ़ाई का भारी नुकसान हुआ था. न केवल स्कूल स्तर पर बल्कि देश और दुनिया भर में विश्वविद्यालय और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी स्कूल कॉलेज बंद रहने के कारण छात्रों को पढ़ाई का नुकसान झेलना पड़ा. 

ऐसे में एनसीईआरटी ने विशेषज्ञों की राय के आधार पर छात्रों का कोर्स कुछ काम करने का निर्णय लिया ताकि लंबे समय बाद स्कूल आए छात्रों पर पढ़ाई का बोझ कम रहे.

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