मां हीराबेन के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने लिखा ब्लॉग, सुनाई मां के बर्तन धोने की कहानी

पीएम मोदी ने लिखा, "मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि मेरे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, और जो मेरे चरित्र में अच्छा है, उसका श्रेय मेरे माता-पिता को दिया जा सकता है. आज, जब मैं दिल्ली में बैठा हूं, तो मैं अतीत की यादों से भर गया हूं, ”  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 18, 2022, 01:55 PM IST
  • पीएम मोदी ने मनाया अपनी मां हीराबेन का 100वां जन्मदिन
  • पीएम की मां का जन्म वर्ष 1923 में आज ही के दिन हुआ था
मां हीराबेन के जन्मदिन पर पीएम मोदी ने लिखा ब्लॉग, सुनाई मां के बर्तन धोने की कहानी

अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मां हीराबा के 100वें जन्मदिन पर शनिवार सुबह उनसे गांधीनगर स्थित आवास पर मुलाकात की और उनका आशीर्वाद लिया. वहीं पीएम ने अपनी मां के जन्मदिन के अवसर उन्हें समर्पित एक ब्लॉग लिखा है.

ब्लॉग में क्या लिखा है पीएम ने
पीएम मोदी ने लिखा, “अभी पिछले हफ्ते, मेरे भतीजे ने गांधीनगर से माँ के कुछ वीडियो साझा किए. समाज के कुछ युवा घर आए थे, मेरे पिता की तस्वीर कुर्सी पर रखी थी, कीर्तन था, और मां मंजीरा बजाते हुए भजन गाने में डूबी हुई थीं. वह अभी भी वैसी ही हैं - उम्र भले ही शारीरिक रूप से प्रभावित हो, लेकिन वह हमेशा की तरह मानसिक रूप से सतर्क हैं, ”

पीएम मोदी ने लिखा, "मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि मेरे जीवन में जो कुछ भी अच्छा है, और जो मेरे चरित्र में अच्छा है, उसका श्रेय मेरे माता-पिता को दिया जा सकता है. आज, जब मैं दिल्ली में बैठा हूं, तो मैं अतीत की यादों से भर गया हूं, ”

पीएम ने लिखा, “घर का खर्च चलाने के लिए माँ कुछ घरों में बर्तन धोती थीं. वह हमारी अल्प आय को पूरा करने के लिए चरखा चलाने के लिए भी समय निकालती थीं. वह सूत छीलने से लेकर सूत कातने तक सब कुछ करती थीं. उनकी प्रमुख चिंता यह थी कि कपास के कांटे हमें न चुभें, ”पीएम मोदी ने अपने पोस्ट में बताया.

मां के बलिदानों का जिक्र
इस ब्लॉग में उन्होंने अपनी मां के बलिदानों और जीवन के ऐसे पहलुओं का जिक्र किया, जिन्होंने उनके (मोदी के) आत्म-विश्वास, मन एवं व्यक्तित्व को ‘‘आकार’’ दिया. मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘मां... यह सिर्फ एक शब्द नहीं है, यह जीवन की वह भावना है, जिसमें स्नेह, धैर्य, विश्वास, कितना कुछ समाया हुआ है. मेरी मां हीराबा आज 18 जून को अपने जीवन के सौवें वर्ष में प्रवेश कर रही हैं, उनका जन्म शताब्दी वर्ष प्रारंभ हो रहा है. इस विशेष दिन पर मैं अपनी खुशी और सौभाग्य साझा कर रहा हूं.’’ 

मोदी ने ब्लॉग में लिखा, ‘‘मेरी मां जितनी सामान्य हैं, उतनी ही असाधारण भी. ठीक वैसे ही, जैसे हर मां होती है.’’ प्रधानमंत्री का यह ब्लॉग हिंदी और अंग्रेजी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है. मोदी ने इस बात का जिक्र किया कि अब तक दो बार ही ऐसा हुआ है, जब उनकी मां किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में उनके साथ रही हैं. 

लाल चौक पर तिरंगा फहराकर लौटा तो मां ने टीका किया
उन्होंने कहा, ‘‘एक बार मैं जब एकता यात्रा के बाद श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराकर लौटा था तो अहमदाबाद में हुए नागरिक सम्मान कार्यक्रम में मां ने मंच पर आकर मेरा टीका किया था.’’ मोदी ने कहा, ‘‘दूसरी बार वह सार्वजनिक तौर पर मेरे साथ तब आई थीं, जब मैंने मुख्यमंत्री के रूप में पहली बार शपथ ली थी.’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी मां ने उन्हें जीवन की एक सीख दी कि औपचारिक शिक्षा ग्रहण किए बिना भी सीखना संभव है.

पहुंचे भाई पंकज मोदी के घर
पीएम मोदी करीब साढ़े छह बजे गांधीनगर शहर के बाहर स्थित रायसेन गांव पहुंचे, जहां उनकी मां उनके छोटे भाई पंकज मोदी के साथ रहती हैं. मोदी वहां करीब आधा घंटा रहे. मोदी के परिवार के सदस्यों के अनुसार, प्रधानमंत्री की मां का जन्म वर्ष 1923 में आज ही के दिन हुआ था. 

होंगे कई कार्यक्रम
इस अवसर पर शहर के जगन्नाथ मंदिर में भंडारा आयोजित किया गया है. मोदी के गृहनगर वडनगर स्थित हाटकेश्वर मंदिर में भी उनकी मां के जन्मदिन पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. प्रधानमंत्री मोदी एक दिन के गुजरात दौरे पर हैं. इस दौरान वह पावागढ़ मंदिर जाएंगे और बाद में वडोदरा में एक रैली को संबोधित करेंगे. 

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