टमाटर जैसे न रुलाने लगें प्याज, केंद्र ने उठाया बड़ा कदम, लगाया 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क

प्याज को लेकर केंद्र के कदम को एहतियाती भी माना जा रहा है. दरअसल टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर पहले ही काफी राजनीतिक बवाल मच चुका है. ऐसे में सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने की पहल शुरू कर दी है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 19, 2023, 09:38 PM IST
  • प्याज की कीमतों पर अंकुश की कोशिश.
  • टमाटर के बढ़े भाव से मच चुका है बवाल.
टमाटर जैसे न रुलाने लगें प्याज, केंद्र ने उठाया बड़ा कदम, लगाया 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क

नई दिल्ली. हाल में टमाटर के आसमान छूते दामों की वजह से मचे बवाल के मद्देनजर केंद्र ने प्याज को लेकर एहतियाती कदम उठाया है. शनिवार को केंद्र ने प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगा दिया. सरकार के डेटा के मुताबिक प्याज पर पहली बार निर्यात शुल्क लगाया गया है. दरअसल सरकार ने यह कदम प्याज की बढ़ती कीमतों के मद्देनजर उठाया है. प्याज खुदरा मूल्य 37 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गया है.

वित्त मंत्रालय द्वारा यह निर्यात शुल्क 31 दिसंबर 2023 तक के लिए लगाया गया है. यानी इस साल अब प्याज पर निर्यात शुल्क लगा रहेगा. चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से चार अगस्त के बीच देश से 9.75 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया है. भारत से प्याज के शीर्ष आयातक देश बांग्लादेश, मलेशिया और संयुक्त अरब अमीरात हैं.

3 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक
दरअसल चालू खरीफ सत्र में प्याज का रकबा घटने की खबरों के बीच प्याज की कीमतें बढ़ने लगी हैं. सरकार ने इस साल 3 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक बनाए रखा है. यह भी देखा जा रहा है कि हाल के दिनों में निर्यात में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर प्याज की औसत खुदरा कीमत शनिवार को 30.72 रुपये प्रति किलोग्राम थी। यह कीमत अधिकतम कीमत 63 रुपये प्रति किलोग्राम और न्यूनतम कीमत 10 रुपये प्रति किलोग्राम थी.

इस बार सरकार ने तरीका बदला
सरकार ने इससे पहले प्याज के निर्यात पर अंकुश लगाने के लिए हमेशा न्यूनतम निर्यात मूल्य का इस्तेमाल किया था. हालांकि, इस साल पहली बार निर्यात शुल्क लगाया गया है. उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने कहा कि आगामी त्योहारी सत्र को देखते हुए घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकार ने प्याज के निर्यात पर 40 फीसदी शुल्क लगाने का फैसला किया है.

टमाटर पर मच चुका है बवाल
प्याज को लेकर केंद्र के कदम को एहतियाती भी माना जा रहा है. दरअसल टमाटर की बढ़ी हुई कीमतों को लेकर पहले ही काफी राजनीतिक बवाल मच चुका है. ऐसे में सरकार ने प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखने की पहल शुरू कर दी है. प्याज हमेशा राजनीतिक रूप से संवेदनशील रहा है. साल के अंत में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे प्रमुख राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर यह प्रतिबंध महत्वपूर्ण है.

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