दबाव, न्यायपालिका की अखंडता पर खतरा; 600 से अधिक वकीलों ने CJI चंद्रचूड़ को पत्र लिख जताई चिंता

Supreme Court CJI Lawyers Letter: मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र में लगभग 600 वकीलों ने कहा कि एक 'निहित स्वार्थ समूह' न्यायिक परिणामों को प्रभावित करने के लिए दबाव की रणनीति अपना रहा है, खासकर राजनीतिक नेताओं से जुड़े मामलों में.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Mar 28, 2024, 05:54 PM IST
  • भारत भर के 600 से अधिक वकीलों का CJI डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र
  • न्यायपालिका को प्रभावित करने के लिए 'निहित स्वार्थ समूह' के प्रयासों पर चिंता व्यक्त की
दबाव, न्यायपालिका की अखंडता पर खतरा; 600 से अधिक वकीलों ने CJI चंद्रचूड़ को पत्र लिख जताई चिंता

Supreme Court CJI Lawyers Letter: वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पिंकी आनंद सहित भारत में 600 से अधिक वकीलों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे एक पत्र में न्यायपालिका को प्रभावित करने के लिए 'निहित स्वार्थ समूह' के प्रयासों पर अपनी चिंता व्यक्त की है. वकीलों ने दावा किया कि समूह न्यायिक परिणामों को प्रभावित करने के लिए दबाव की रणनीति अपना रहा है, खासकर राजनीतिक नेताओं और भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़े मामलों में.

वकीलों ने विषय शीर्षक 'न्यायपालिका के लिए खतरा' के तहत पत्र में आगे कहा, 'ये कार्रवाइयां लोकतांत्रिक ढांचे और न्यायिक प्रक्रियाओं में रखे गए विश्वास के लिए एक महत्वपूर्ण खतरा पैदा करती हैं.'

वकीलों ने दावा किया कि 'हित समूह' वर्तमान कार्यवाही को बदनाम करने और अदालतों में जनता के विश्वास को कम करने के लिए न्यायपालिका के 'स्वर्ण युग' के बारे में झूठी बातें प्रचारित कर रहा है.

वकीलों ने कहा कि समूह द्वारा अपनाई गई कुछ रणनीतियों में उनके राजनीतिक एजेंडे के आधार पर अदालत के फैसलों की चयनात्मक आलोचना या प्रशंसा शामिल है, इसे 'मेरा रास्ता या राजमार्ग' दृष्टिकोण कहा जाता है.

पत्र में कुछ वकीलों पर बड़ा आरोप
CJI को लिखे पत्र में कहा गया, 'यह देखना परेशान करने वाला है कि कुछ वकील दिन में राजनेताओं का बचाव करते हैं और फिर रात में मीडिया के माध्यम से न्यायाधीशों को प्रभावित करने की कोशिश करते हैं.'

पत्र में इस बात पर प्रकाश डाला गया कि समूह 'बेंच फिक्सिंग' के पूरे सिद्धांत को बढ़ावा दे रहा है और 'राजनीतिक फ्लिप-फ्लॉपिंग' पर चिंता व्यक्त की.

वकीलों ने कहा, 'यह देखना अजीब है कि राजनेता किसी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं और फिर अदालत में उनका बचाव करते हैं. अगर अदालत का फैसला उनके पक्ष में नहीं होता है, तो वे तुरंत अदालत के अंदर और मीडिया के माध्यम से अदालत की आलोचना करते हैं.'

यह नोट किया गया कि यह घटनाक्रम 2024 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले हुआ है, वकीलों के समूह ने आरोप लगाया कि कुछ तत्व न्यायाधीशों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं और न्यायाधीशों पर अपने मामलों में एक विशेष तरीके से निर्णय लेने का दबाव बनाने के लिए सोशल मीडिया पर झूठ फैला रहे हैं.

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर साधा निशाना
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दूसरों को डराना-धमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है. पीएम मोदी ने X पर लिखा, '5 दशक पहले ही उन्होंने (कांगेसी) 'प्रतिबद्ध न्यायपालिका' का आह्वान किया था, वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता चाहते हैं लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं.' मोदी ने आगे लिखा, 'कोई आश्चर्य नहीं कि 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं.'

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