नई दिल्ली:Hardik Patel: हाल में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले हार्दिक पटेल आज 2 जून को भाजपा में शामिल हो जाएंगे. भाजपा में शामिल होने से पहले ही उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और दिखाने में लगे हैं कि वह वैचारिक रूप से भाजपा के कितने करीब हैं. लेकिन गुजरात के इस बड़े पाटीदार युवा नेता ने कभी भाजपा के खिलाफ झंडा बुलंद कर अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था.
हार्दिक पटेल ने 2014 में सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में प्रवेश किया था.हार्दिक तब पाटीदार संगठन सरदार पटेल ग्रुप से जुड़े थे.इस ग्रुप ने ही बाद में पाटीदार आंदोलन शुरू किया था. इस आरक्षण आंदोलन के दौरान ही हार्दिक पर भाजपा दफ्तर में तोड़फोड़ का आरोप लगा और बाद में इसी केस में उन्हें दो साल की सजा भी हुई.
इस रैली से चमका राजनीतिक चेहरा
25 अगस्त 2015 को सरदार पटेल बैनर ग्रुप के झंडे तले अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड पर क्रांति रैली हुई. इसमें तीन लाख से अधिक लोग आए. यह रैली हार्दिक पटेल के लिए बड़ी कामयाबी थी और इसके बाद पूरे देश प्रदेश में उनके नाम की चर्चा शुरू हो गई. इसके बाद पाटीदार आंदोलन की आंच पूरे गुजरात में पहुंच गई. यह आंदोलन बाद में हिंसक हो गया और इसमें 500 हिंसक घटनाएं हुईं. वहीं 14 युवकों की भी मौत हो गई.
आंदोलन का राजनीतिक प्रभाव
गुजरात की राजनीति में इस आंदोलन का काफी प्रभाव हुआ और अमित शाह को मनाने के लिए खुद अमित शाह को मैदान में उतरना पड़ा.बाद में मुख्यमंत्री आनंदी बेन को इस्तीफा देना पड़ा (हालांकि इसके और भी कई कारण थे) और विजय रुपाणी सीएम बने.
कांग्रेस में एंट्री
कहते हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 से पहले राहुल गांधी और हार्दिक पटेल की मुलाकात हुई थी. लेकिन कांग्रेस ज्वाइन करने में हार्दिक को दो साल लग गए. वे 2019 लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में आए. कांग्रेस ने भी उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष बनाकर बड़ी जिम्मेदारी दी लेकिन हार्दिक को कांग्रेस रास नहीं आई.
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