Explainer: अलग राज्य मांग रहे आदिवासी, क्या है 'भील प्रदेश' का पूरा कांसेप्ट?

 Bhil Pradesh Demand: भील प्रदेश की मांग को लेकर राजस्थान के मानगढ़ धाम में महारैली हुई. यहां पर हजारों की संख्या में आदिवासी लोग आए. भारत आदिवासी पार्टी भील प्रदेश की मांग को उठा रही है. इसको लेकर PM और राष्ट्रपति से मिलने की बात भी कही जा रही है. 

Written by - Ronak Bhaira | Last Updated : Jul 18, 2024, 06:11 PM IST
  • BAP उठा रही भील प्रदेश की मांग
  • मानगढ़ धाम में हुई महारैली
Explainer: अलग राज्य मांग रहे आदिवासी, क्या है 'भील प्रदेश' का पूरा कांसेप्ट?

नई दिल्ली: Bhil Pradesh Demand: 'आदिवासी समाज की महिलाएं पंडितों की बातों पर न चलें. आदिवासी महिलाएं न तो सिंदूर लगाती हैं और न ही मंगलसूत्र पहनती हैं. हमारे समाज की लड़कियां पढ़ाई पर ध्यान दें. व्रत-उपवास बंद कर दें. हम हिंदू नहीं हैं.'- ये बात आदिवासी परिवार संस्था की संस्थापक मेनका डामोर ने कही. डामोर ने ये भाषण राजस्थान के मानगढ़ धाम में भील प्रदेश की मांग को लेकर हुई एक रैली में दिया. यहां पर 4 राज्यों के 49 जिलों के आदिवासी समाज के लोग इकट्ठा हुए थे. 

भील प्रदेश को लेकर क्या अवधारणा, कैसे बनेगा?
भील प्रदेश की मांग करने वाले नेता चाहते हैं कि 4 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के 49 जिलों को मिलाकर अलग से भील प्रदेश बनना चाहिए. इसमें गुजरात के 13 जिले, मध्य प्रदेश के 13 जिले, राजस्थान के 12 जिले, महाराष्ट्र के 6 जिले भी शामिल हैं. 
गुजरात: अरवल्ली, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, नर्मदा, साबरकांठा, भरुचा और बनासकांठा 
मध्य प्रदेश: इंदौर, धार, देवास, खंडवा, खरगोन,  गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, बुरहानपुर, अलीराजपुर और बड़वानी
राजस्थान: बांसवाड़ा, जालौर, सिरोही, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां, पाली, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, डूंगरपुर और बाड़मेर
महाराष्ट्र:  जलगांव, धुले, पालघर, नासिक, ठाणे और नंदुरबार
 
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से करेंगे मांग
दरअसल, आदिवासी समाज के कई नेता अलग-अलग मौकों पर आदिवासी समाज के लिए अलग से राज्य बनाने की मांग कर चुके हैं. लेकिन अब भारत आदिवासी पार्टी (BAP) इस मांग को मुखरता से उठा रही है. राजस्थान की बांसवाड़ा लोकसभा सीट से BAP के सांसद राजकुमार रोत ने कहा है कि भील प्रदेश की मांग नई नहीं है. BAP पुरजोर रूप से यह मांग उठा रही है. हमारा एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी इस मसले को लेकर मुलाकात करेगा. रोत ने संसद में सांसद की शपथ लेते हुए भी भील प्रदेश की मांग की थी.

भील प्रदेश की मांग को हवा देने वाली पार्टी में कितना दम?
भारत आदिवासी पार्टी (BAP) कोई पुराना दल नहीं है, बल्कि सितंबर 2023 में ही बना है. इसके अध्यक्ष मोहन लाल रोत हैं. संस्थापक राजकुमार रोत हैं. इस पार्टी का हेडक्वार्टर राजस्थान के आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में है. पार्टी बनने के दो महीने बाद ही राजस्थान और मध्य प्रदेश में चुनाव हुए. दोनों राज्यों की कुछ सीटों पर पार्टी ने अपने उम्मीदवार उतारे. नतीजों ने बाकी दलों को चौंका दिया, क्योंकि BAP ने राजस्थान में 4 और मध्य प्रदेश में एक सीट पर चुनाव जीता. इतने छोटे समय में पार्टी ने आदिवासी समाज के भरपूर वोट पाए. इसके बाद लोकसभा चुनाव में पार्टी के राजस्थान की चौरासी विधानसभा से विधायक राजकुमार रोत ने बांसवाड़ा सीट से ताल ठोक दी. कांग्रेस पार्टी ने उनको समर्थन दिया. उन्होंने दिग्गज नेता और कांग्रेस से भाजपा में आए महेंद्र सिंह मालवीय को चुनाव हराया.

भील प्रदेश की मांग पर कांग्रेस-BJP का क्या स्टैंड?
कांग्रेस ने भील प्रदेश की मांग पर BAP का समर्थन कर दिया है. राजस्थान की कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे अर्जुन सिंह बामनिया ने भील प्रदेश की मांग को जायज बताया. हालांकि, भाजपा ने भील प्रदेश की मांग पर अपना रुख साफ़ नहीं किया है.

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