एंटी पेपर लीक कानून हुआ लागू, 10 साल सजा और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, जानें प्रमुख बातें

केंद्र सरकार ने शुक्रवार रात सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 की अधिसूचना जारी की. यह एंटी पेपर लीक कानून है जिसमें 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है. नीट और यूजीसी नेट जैसी परीक्षाओं को लेकर उठ रहे सवालों के बीच केंद्र सरकार ने यह कदम उठाया है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jun 22, 2024, 08:39 AM IST
  • संगठित अपराध में 10 साल की सजा
  • ये परीक्षाएं आएंगी कानून के दायरे में
एंटी पेपर लीक कानून हुआ लागू, 10 साल सजा और 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना, जानें प्रमुख बातें

नई दिल्लीः Anti Paper Leak Law: नीट और यूजीसी-नेट जैसी परीक्षाओं के कटघरे में आने के बीच केंद्र सरकार ने शुक्रवार को सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 को अधिसूचित किया. यानी देश में एंटी पेपर लीक कानून लागू हो गया है. इस कानून का उद्देश्य परीक्षाओं में धांधली, नकल समेत अन्य गड़बड़ियों को रोकना है.

कम से कम 3 साल की सजा

अब पेपर लीक करने या आंसर शीट से छेड़छाड़ करने पर कम से कम 3 साल की सजा होगी. वहीं इस सजा को 5 साल तक बढ़ाया जा सकता है. साथ ही 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है. इसी तरह अगर परीक्षा कराने वाले सेवा प्रदाता दोषी पाए जाते हैं तो उन पर 1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा. 

संगठित अपराध में 10 साल की सजा

अगर कोई व्यक्ति, समूह संगठित अपराध करता है और इसमें परीक्षा कराने वाली संस्था, सेवा प्रदाता या अन्य संस्थानों का भी हाथ है तो कम से कम 5 साल की सजा दी जाएगी जिसे 10 वर्ष तक बढ़ाया जा सकेगा. कानून में संपत्ति कुर्क करने का भी प्रावधान किया गया है. संगठित पेपर लीक में शामिल संस्थान की संपत्ति कुर्क और जब्त की जा सकेगी. 

ये परीक्षाएं आएंगी कानून के दायरे में

इस कानून को 6 फरवरी 2024 को लोकसभा और 9 फरवरी को राज्यसभा से पास किया गया था. वहीं 12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूरी दी थी. इस कानून के दायरे में केंद्र के सभी मंत्रालयों, विभागों की भर्ती परीक्षाएं आएंगी. साथ ही यूपीएससी, एसएससी, आरआरबी, आईबीपीएस और एनटीए की परीक्षाएं भी शामिल होंगी.

वहीं अगर कोई एग्जाम सेंटर भी गड़बड़ी में संलिप्त पाया जाएगा तो उसे 4 साल तक परीक्षा कराने से वंचित किया जा सकेगा. केंद्र सरकार इस तरह के किसी भी मामले को केंद्रीय एजेंसी को जांच के लिए दे सकेगी. डीएसपी या एसीपी रैंक या उससे ऊंची रैंक के अधिकारी परीक्षा में गड़बड़ी की जांच कर सकेंगे.

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