नई दिल्ली: Karanpur Vidhan Sabha Chunav Result: राजस्थान के करणपुर विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी रुपिंदर सिंह कुन्नर ने जीत दर्ज की है. रुपिंदर ने भाजपा प्रत्याशी और प्रदेश सरकार में मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को चुनाव हराया है. करणपुर के इस चुनाव पर पूरे देश की नजर टिकी हुई थी. माना जा रहा है कि सीएम भजनलाल की यह पहली परीक्षा थी, जिसमें उन्हें सफलता नहीं मिल पाई. हालांकि, चुनाव में कांग्रेस की जीत के पीछे सबसे बड़ा फैक्टर सहानुभूति लहर है.
यहां के चुनाव देर से क्यों हुए?
दरअसल, नवंबर में राजस्थान की 199 सीटों पर ही चुनाव हुए थे, जबकि कुल सीटें 200 थीं. श्रीगंगानगर की करणपुर सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी और तत्कालीन विधायक गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत हो गई थी. इसके बाद इस सीट पर चुनाव नहीं हुआ. चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक यदि किसी सीट पर प्रत्याशी की मौत हो जाती है, तो वहां पर बाद में चुनाव करवाए जाते हैं. यही कारण है कि इस सीट पर 5 जनवरी को मतदान हुआ और 8 जनवरी को रिजल्ट आया.
BJP ने चला था बड़ा दांव, हो गया फेल
प्रदेश में भाजपा की नई-नवेली सरकार बनी थी, इस लिहाज से करणपुर का चुनाव भाजपा के काफी अहम था. यही कारण है कि भाजपा ने इस चुनाव को जीतने के लिए बड़ा दांव चला. बिना विधायकी के ही प्रत्याशी सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को भाजपा ने मंत्री बना दिया था. कांग्रेस ने इस आचार सहिंता का उल्लंघन बताया था. दरअसल, भाजपा को उम्मीद थी कि जनता में मैसेज जाएगा कि वो विधायक नहीं, बल्कि मंत्री चुन रहे हैं. लेकिन भाजपा का यह दांव पूरी तरह फेल हो गया.
कैसे जीत गई कंग्रेस?
कांग्रेस की जीत का सबसे बड़ा कारण सहानुभूति फैक्टर था. दरअसल, कांग्रेस ने दिवंगत नेता गुरमीत सिंह कुन्नर के पुत्र रुपिंदर कुन्नर को टिकट दिया था. साथ ही लोगों से माध्यम से गुरमीत सिंह कुन्नर को श्रद्धांजलि देने की अपील. इस इमोशनल अपील ने कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनाया उर लोगों ने उनके बेटे रुपिंदर कुन्नर को चुनाव जीतवा दिया.
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