नई दिल्ली: मुंबई की एक विशेष अदालत ने शिवसेना सांसद संजय राउत के कथित धन शोधन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में 'उल्लेखनीय प्रगति' की बात कहते हुए उनकी (राउत की) ईडी की हिरासत अवधि आठ अगस्त तक बढ़ा दी.
ईडी ने अदालत को दी ये बड़ी जानकारी
बहस के दौरान सांसद की हिरासत अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुए ईडी ने अदालत को बताया कि धन की आवाजाही की नई जानकारी सामने आई है. प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत के समक्ष दावा किया कि राज्यसभा सदस्य राउत को 'अपराध से आय' के रूप में कथित 1.17 करोड़ रुपये मिलने का पता चला है और यह पूर्व में सामने आए 1.06 करोड़ रुपये से अलग है.
केंद्रीय एजेंसी ने उपनगर गोरेगांव में पात्रा 'चॉल' के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं और संपत्ति से जुड़े वित्तीय लेनदेन के संबंध में राउत को एक अगस्त को गिरफ्तार किया था.
हिरासत खत्म होने के बाद ईडी ने राउत को धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत मामलों के लिए विशेष न्यायाधीश एम. जी. देशपांडे के समक्ष पेश किया.
धन के लेन-देन से जुड़ी एक नई जानकारी
ईडी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक हितेन वेनेगावकर ने हिरासत की अवधि आठ दिनों के लिए बढ़ाने का अनुरोध यह कहते हुए किया कि धन के लेन-देन से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आई है. जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेज के अनुसार, राउत द्वारा अलीबाग में संपत्तियों की खरीद में पर्याप्त नकद लेनदेन हुआ था.
ईडी ने शिवसेना के सांसद संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को कथित धन शोधन के मामले में पूछताछ के लिए तलब किया है. वह राउत के साथ ही केंद्रीय ऐजंसी के समक्ष पेश होंगी. केंद्रीय ऐजंसी ने दावा किया कि पूछताछ के दौरान संजय राउत ने गोलमोल जवाब दिए हैं.
संजय राउत की ओर से पेश अधिवक्ता मनोज मोहिते ने हिरासत का विरोध करते हुए कहा कि मामले की लंबे समय से जांच की जा रही है. उन्होंने दावा किया कि पिछले तीन दिनों में मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है और जांच राजनीति से प्रेरित है.
दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कही ये बात
दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने कहा कि इस तथ्य के अनुसार कि कुछ और धन राशि का खुलासा हुआ है, जांच में 'उल्लेखनीय प्रगति' हुई है. सुनवाई के दौरान जब अदालत ने राउत से पूछा कि क्या उन्हें ईडी के खिलाफ कोई शिकायत है तो उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ खास नहीं है.
हालांकि, उन्होंने कहा कि उन्हें जिस कमरे में रखा गया, उसमें कोई खिड़की नहीं थी और न ही पर्याप्त वेंटिलेशन था. ईडी की ओर से पेश हुए विशेष लोक अभियोजक हितेन वेनेगावकर ने कहा कि राउत को एक 'एसी' (वातानुकूलित) कमरे में रखा गया था और इसलिए वहां कोई खिड़की नहीं थी.
संजय राउत ने बाद में कहा कि हालांकि वहां 'एसी' की व्यवस्था है, लेकिन वह स्वास्थ्य स्थिति के कारण इसका उपयोग नहीं कर सकते हैं. ईडी ने तब अदालत को आश्वासन दिया कि उन्हें उचित तरीके से हवादार कमरे में रखा जाएगा.
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