नई दिल्ली: Donald Trump on Russia Ukraine War: अमेरिका में राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूस-यूक्रेन युद्ध पर बातचीत करने के लिए मेज पर नहीं आते हैं, तो हम रूस पर प्रतिबंध लगा सकते हैं. ट्रंप ने कहा था कि वे 24 घंटे के भीतर रूस-यूक्रेन का युद्ध रोकने की ताकत रखते हैं, लेकिन अब जैसे हाल हैं, उससे तो ऐसा लगता है कि ट्रंप के लिए युद्ध रुकवाना अगले 100 दिन भी मुश्किल होगा.
ट्रंप ने किया था वादा, रूस ने कहा था- नहीं हो सकता!
दरअसल, डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका की प्रेसिडेंशियल डिबेट में दावा किया था कि यदि वे राष्ट्रपति बनते हैं, तो 24 घंटे के भीतर रूस-यूक्रेन का युद्ध को खत्म कर देंगे. अब समय 24 घंटे से ज्यादा हो गया है, लेकिन इस दिशा में कोई सकारात्मक कदम नहीं दिख रहा है. रूस ने पहले ही ट्रंप के इस दावे को हवा-हवाई करार दिया था. संयुक्त राष्ट्र (UN) में रूस के राजदूत वासिली नेबेंजिया ने कहा था कि ट्रम्प ऐसा नहीं कर पाएंगे.
रूस-यूक्रेन युद्ध ट्रंप के लिए चुनौती क्यों, इसे रोक पाएंगे या नहीं?
रूस-यूक्रेन युद्ध को 24 घंटे के भीतर रोकने का वादा महज जुमला था. ट्रंप के पास इसे रोकने के लिए फिलहाल कोई ठोस रोडमैप नजर नहीं आ रहा. इस युद्ध को रोकना बाएं हाथ का खेल नहीं है. ट्रंप इसे रोकना भी चाहें तो भी राह में कई रोड़े हैं...
NATO देशों का दबाव: नाटो देश नहीं चाहते हैं कि रूस और यूक्रेन का युद्ध रुके. वे चाहते हैं कि पुतिन यूक्रेन में ही उलझे रहें, इससे बाकी के नाटो देशों पर उनकी सेना आक्रमण नहीं करेगी और वे सुरक्षित रहेंगे. ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, पोलैंड और रोमानिया जैसे देश यूक्रेन को मदद कर रहे हैं, ताकि वह निरंतर रूस से लड़ता रहे. अब ये देश ट्रंप के युद्ध रोकने के रुख से असहमत नजर आते हैं. रूसी राजदूत नेबेंजिया कह चुके हैं कि पश्चिमी देश नहीं चाहते कि ये युद्ध रुके.
100 दिन के एजेंडे में शामिल: यूक्रेन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नामित दूत कीथ केलॉग ने हाल ही में बयान दिया था कि शांति समझौता 100 दिनों के भीतर पूरा हो सकता है. यानी 24 घंटे की टाइमफ्रेम बढ़ाकर सीधे 100 दिन कर दी गई है. बता दें कि ट्रंप ने यूक्रेन के दूत की भूमिका के लिए अपने करीबी और सेवानिवृत्त जनरल कीथ केलॉग को चुना था.
रूस बातचीत के लिए भी राजी नहीं: ट्रंप प्रेशर पॉलिटिक्स में माहिर माने जाते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के लिए भी उन्होंने पुतिन पर दबाव बनाने की कोशिश की है. युद्ध खत्म करने के लिए बातचीत न होने पर ट्रंप ने रूस को प्रतिबंध की धमकी दी है. इससे स्पष्ट है कि रूस ने अभी इस मसले पर बातचीत के लिए हामी नहीं भरी है. रूस को इसके लिए राजी करना भी ट्रंप के लिए चुनौती है.
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