नई दिल्ली: विज्ञापनों का एक दौर था जब सबकी जुबान पर जिंगल ही रहा करते थे. 'हेमा, रेखा, जया, और सुषमा', 'दाग मुहांसो को जड़ से मिटाए' से लेकर 'टेढ़ा है पर मेरा है' हर ऐड अपने आप में बेहद खास होता है. ऐसे ही कुछ शानदार जिंगल्स के पीछे उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकन भरने वाली मार्गरेट अल्वा (Margaret Alva) की बहू का नाम आता है. इनकी बहू अनुजा चौहान (Anuja Chauhan) विज्ञापन और लिटरेचर की दुनिया का बेहद चर्चित चेहरा हैं.
अनुजा चौहान का ऐड का सफर
17 सितंबर 1970, को पैदा हुईं अनुजा एक आर्मी फैमिली से संबंध रखती हैं. उनका जन्म मेरठ कैंट में हुआ. स्कूली शिक्षा मेरठ और आगे की पढ़ाई मेल्बर्न से पूरी हुई. अपनी लाइफ के सत्रह साल अनुजा ने विज्ञापन इंडस्ट्री को दिए. इनका नाम बहुत बड़े टीवी ब्रांड्स के लिए सक्सेसफुल किए गए जिंगल्स से जोड़ा जाता है.
'टेढ़ा है पर मेरा है'
अनुजा चौहान अपने सफल करियर में कई ऐसी टैग लाइन और जिंगल्स दिए हैं जिन्हें हम आज भी गुनगुनाते हैं. 'ये दिल मांगे मोर', 'मेरा नंबर कब आएगा', शाहरुख खान का 'ओए बबली' और 'डर के आगे जीत है' इनके ही दिमाग की उपज हैं. इसके अलावा अनुजा ने चार बेस्ट सेलिंग नॉवल्स भी लिखी हैं. 'द जोया फैक्टर', 'बैटल फॉर बिट्टोरा', 'दोज प्राइसी ठाकुर गर्ल्स'. 'द हाउस दैट बीजे बिल्ट'.
इनमें से एक 'द जोया फैक्टर' पर बॉलीवुड फिल्म भी बनाई जा चुकी है.
अनुजा को पैट हैं बेहद पसंद
अनुजा बेंगुलरू से बाहर अपने पति निरेत अल्वा के साथ रहती हैं. उनके तीन बच्चे और ढेर सारे कैट और डॉग्स की एक बड़ी फैमिली है. निरेत अल्वा एक चर्चित टीवी प्रोड्युसर हैं.
दोनों की शादी को लगभग 28 साल हो चुके हैं. दोनों एक दूसरे से रिलीजन पसंद और नापसंद में भले ही काफी अलग हों लेकिन इतने सालों में एक दूसरे के लिए प्यार कभी कम नहीं हुआ.
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