नई दिल्ली: Shekhar Suman: शेखर सुमन इस वक्त संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' में जुल्फिकर नाम के किरदार को लेकर सुर्खियां बटोर रहे हैं. सीरीज में उनके अभिनय को काफी पसंद किया जा रहा है. इस बीच उनका एक इंटरव्यू सामने आया है जिसमें उन्होंने कबूला था कि बड़े बेटे आयुष के निधन के बाद उनका फिल्मी करियर का ग्राफ तेजी से नीचे गिरा था, क्योंकि उनमें काम करने की कोई दिलचस्पी नहीं थी. अब एक्टर ने बताया कि बेटे के जाने के बाद उन्होंने क्या कसम खाई थी.
गंभीर बीमारी के कारण हुई थी बेटे की मौत
शेखर सुमन के बेटे आयुष सुमन की मात्र 11 साल की उम्र में एक गंभीर बीमारी से मौत हो गई थी. बड़े बेटे को खोने के गम ने अभिनेता को अंदर से झकझोर कर रख दिया था. शेखर ने एक हालिया इंटरव्यू में बताया है कि वह इस कदर टूट गये थे कि उन्होंने भगवान की पूजा करना भी बंद कर दिया था. उनके घर का मंदिर भी बंद रहता था.
बेटे को बीमार छोड़ शूट करने गये थे शेखर सुमन
कनेक्ट एफएम कनाडा को दिये इंटरव्यू में शेखर सुमन ने कहा, 'एक दिन भारी बारिश हो रही थी और आयुष बीमार था. बेटे की कंडीशन के बारे में जानते हुए एक डायरेक्टर ने मुझे 2-3 घंटे शूट के लिए आने को कहा. उन्होंने कहा, 'प्लीज, यह हमारे लिए बहुत लॉस हो जाएगा.' मैं मान गया. जब मैं जा रहा था तो आयुष ने मेरा हाथ थाम लिया और कहा, 'पापा, आज मुझे छोड़कर मत जाओ. मैंने उसका हाथ छुड़ाया और वादा किया कि मैं जल्द ही लौटूंगा.'
भगवान से उठ गया था भरोसा
हीरामंडी एक्टर ने बताया कि बेटे की मौत के बाद उनका भगवान से भरोसा उठ गया था और उन्होंने घर का मंदिर बंद कर दिया था. एक्टर ने कहा, 'सभी मूर्तियों को ले जाकर बाहर फेंक दिया गया. मंदिर बंद कर दिया गया. मैंने कसम खाई कि मैं कभी भगवान के पास वापस नहीं जाऊंगा, जिसने मुझे इतना दर्द दिया, इतना नुकसान पहुंचाया और एक प्यारे-मासूम बच्चे की जान ले ली'
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