अंबेडकर मुद्दा उछलने के बाद कुछ बड़ा बदलाव कर सकती है BJP, जानें- दिल्ली में SC/ST को कैसे साधेगी?

BJP Delhi State President: भाजपा सूत्रों के अनुसार, शहर की 70 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा में हो रही देरी का एक अन्य कारण कुछ सीटों पर 'विकल्पों की कमी' है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 24, 2024, 02:49 PM IST
अंबेडकर मुद्दा उछलने के बाद कुछ बड़ा बदलाव कर सकती है BJP, जानें- दिल्ली में SC/ST को कैसे साधेगी?

BJP SC-ST Politics: आगामी दिल्ली चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों की भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सूची के साथ एक और महत्वपूर्ण घोषणा हो सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य इकाई में नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है, जिसमें SC, ST या OBC समुदाय से एक कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जा सकता है.

हालांकि पार्टी अपने राष्ट्रीय नेतृत्व से चुनावों के लिए अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा कर रही है, लेकिन सूत्रों ने कहा कि संसद के हाल ही में संपन्न शीतकालीन सत्र के दौरान डॉ बीआर अंबेडकर पर हुए हंगामे के मद्देनजर भाजपा की दिल्ली इकाई की कमान 'एक महत्वपूर्ण समुदाय के वरिष्ठ नेता' को सौंपी जा सकती है.

पिछले हफ्ते, भाजपा और विपक्ष के सांसदों के बीच संसद के बाहर टकराव हुआ था. जहां भाजपा सांसदों ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अंबेडकर का 'अपमान' किया है और नारे लगाए कि 'देश अंबेडकर का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा'. वहीं कांग्रेस सदस्यों ने राज्यसभा में अंबेडकर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी का विरोध किया.

पार्टी के एक सूत्र ने कहा, 'पार्टी के भीतर धीरे-धीरे यह विचार मजबूत हो रहा है कि एससी/एसटी/ओबीसी समुदाय के एक नेता, जो संभवतः दिल्ली से लोकसभा सांसद हो सकते हैं उन्हें कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया जाना चाहिए. बताया गया कि (वर्तमान राज्य प्रमुख) वीरेंद्र (सचदेवा) जी को चुनाव में उतारने की संभावना है.'

बताया गया, 'कुछ वरिष्ठ नेताओं के अलावा, चुनाव से संबंधित पार्टी की गतिविधियों को पहले से ही हमारे सात दिल्ली के सांसदों द्वारा प्रबंधित किया जा रहा है. संभावित हस्तांतरण के लिए कई संभावितों पर चर्चा की गई है, जिनमें उत्तर-पश्चिम दिल्ली के सांसद योगेंद्र चंदोलिया, पश्चिम दिल्ली के सांसद कमलजीत सहरावत और पूर्व राज्यसभा सांसद दुष्यंत गौतम शामिल हैं.'

कमलजीत सहरावत या दुष्यंत गौतम?
सहरावत जाट समुदाय से आते हैं, जिसका जनसांख्यिकी के मामले में राजधानी में महत्वपूर्ण प्रतिनिधित्व है और यह दिल्ली में रहने वाले सबसे पुराने समुदायों में से एक है, गौतम, जो भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व राज्यसभा सांसद हैं, चंदोलिया की तरह अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं. भाजपा सूत्रों के अनुसार, शहर की 70 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा में चल रही देरी का एक और कारण कुछ सीटों पर 'विकल्पों की कमी' है.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, 'ऐसी कई सीटें हैं, जहां मौजूदा सर्वेक्षणों और पिछले चुनावों में पार्टी के वोट शेयर के आधार पर हम मजबूत स्थिति में हैं. हालांकि, पार्टी के समर्थन और जिसे वह टिकट देना चाहती है, उसके बीच या तो बेमेल है या फिर इसके उलट.' नेता ने यह भी कहा, 'हालांकि इससे प्रक्रिया में देरी हुई है, लेकिन हमें उन नेताओं को भी समायोजित करने की आवश्यकता है जो लोकसभा चुनावों और अब के बीच अन्य दलों से हमारे साथ आए हैं. ऐसे कई नेताओं की संबंधित सीटों पर अच्छी पकड़ है, जिनका वे पहले प्रतिनिधित्व कर चुके हैं और उन्हें आप के प्रमुख मौजूदा विधायकों या मंत्रियों के खिलाफ मैदान में उतारा जा सकता है.'

IE की रिपोर्ट में सूत्रों के अनुसार कहा गया है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की इस सप्ताह बैठक होने की संभावना है, जिसमें उम्मीदवारों के नामों की घोषणा से पहले उम्मीदवारों के नामों पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा.

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