Lok sabha election results: अखिलेश यादव ने किया ऐसा काम, यूपी नहीं पूरे देश में हो गया नाम

Uttar Pradesh Lok sabha results: 2024 में, सपा का स्ट्राइक रेट बड़ी पार्टियों में सबसे अधिक था क्योंकि उसने 62 सीटों पर चुनाव लड़कर 37 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा उत्तर प्रदेश में 76 सीटों पर चुनाव लड़कर केवल 33 सीटें ही जीत सकी.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Jun 5, 2024, 09:15 AM IST
  • सपा का स्ट्राइक रेट
  • INDIA गठबंधन का गठन
Lok sabha election results: अखिलेश यादव ने किया ऐसा काम, यूपी नहीं पूरे देश में हो गया नाम

Uttar Pradesh Lok sabha results: 2017 के बाद से लगातार चुनावों में हार के बाद, समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने आखिरकार अपनी पार्टी के साथ लोकसभा चुनावों में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए उत्तर प्रदेश की 80 में से 37 सीटें जीतीं और देश के सबसे अधिक आबादी वाले राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जहां उसने सत्तारूढ़ भाजपा को 2019 में 62 सीटों से घटाकर 33 सीटों पर ला दिया. 

यहां बड़ी बात ये है कि भाजपा और कांग्रेस के बाद सपा देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. उत्तर प्रदेश में INDIA गठबंधन का नेतृत्व कर रहे यादव और उनकी पार्टी ने राष्ट्रीय स्तर पर सत्तारूढ़ भाजपा को सबसे बड़ा झटका दिया है, क्योंकि INDIA गठबंधन ने सपा-कांग्रेस गठबंधन के साथ NDA को पीछे छोड़ दिया है और 43 सीटें जीती हैं. NDA को राज्य में 36 सीटें मिली हैं.

सपा का इससे पहले सर्वश्रेष्ठ लोकसभा प्रदर्शन 2004 में रहा था जब उसने उत्तर प्रदेश में 35 सीटें जीती थीं. 

सपा का स्ट्राइक रेट
2024 में, सपा का स्ट्राइक रेट बड़ी पार्टियों में सबसे अधिक था क्योंकि उसने 62 सीटों पर चुनाव लड़कर 37 सीटें जीतीं, जबकि भाजपा उत्तर प्रदेश में 76 सीटों पर चुनाव लड़कर केवल 33 सीटें ही जीत सकी.

देश के सभी राजनीतिक दलों में, सपा ने 2019 में अपनी पांच सीटों की तुलना में सात गुना वृद्धि के साथ सबसे बड़ी छलांग लगाई.

2004 में जब सपा ने 35 सीटें जीती थीं, तब उसके संस्थापक मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश में सरकार चला रहे थे. अब पार्टी को यह सफलता सात साल तक राज्य में सत्ता से बाहर रहने के बावजूद मिली है.

मतदान प्रतिशत के हिसाब से, सपा ने उत्तर प्रदेश में 2019 के लोकसभा चुनावों में 18.11% के मुकाबले 2024 में 33.59% वोट शेयर हासिल किया.

2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में, सपा का वोट शेयर 32.1% रहा और सीटों की संख्या 2017 में 47 से बढ़कर 111 हो गई, जिसने 2024 के प्रदर्शन की नींव रखी.

2022 के चुनावों में, सपा ने अपने MY (मुस्लिम-यादव) वोट बैंक से आगे बढ़कर गैर-यादव ओबीसी+यादव+दलित+मुस्लिमों का एक जातिगत गठबंधन बनाना शुरू कर दिया.

2024 के चुनावों के लिए इस फॉर्मूले को बरकरार रखते हुए, अखिलेश ने इसे PDA नाम दिया - पिछड़ा (यादव और गैर-यादव सहित पिछड़े), दलित और अल्पसख्यक (अल्पसंख्यक, बड़े पैमाने पर मुस्लिम).

जाति जनगणना की मांग के साथ पीडीए के फार्मूले को मजबूत करते हुए उन्होंने जून में पूरे राज्य में पीडीए-जाति जनगणना बस यात्रा शुरू की.

INDIA गठबंधन का गठन
जब INDIA गठबंधन का गठन हुआ तो अखिलेश को शुरू से ही यह पसंद आया, लेकिन इस शर्त के साथ कि राज्य में सबसे मजबूत पार्टी को ही गठबंधन का नेतृत्व करना चाहिए. यानी कि वह यूपी में गठबंधन की रूप रेखा तैयार करेगी.

INDIA गठबंधन में सीटों के बंटवारे में कुछ उतार-चढ़ाव भरे क्षणों के बाद भी अखिलेश अड़े रहे और आखिरकार उन्होंने 62 सीटें सपा के पास रखीं और 17 कांग्रेस और एक तृणमूल कांग्रेस को दे दी. उस समय तक कांग्रेस ने भी जाति जनगणना की मांग उठा ली थी.

सपा ने किन्हें दिए टिकट?
2024 के चुनावों से पहले, सपा ने अपनी राष्ट्रीय और राज्य कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया, जिसमें गैर-यादव ओबीसी, दलित, मुस्लिम और यादवों को ज़्यादातर पद दिए गए. 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए टिकट वितरण में भी यही फ़ॉर्मूला अपनाया गया. सपा ने जिन 62 सीटों पर चुनाव लड़ा, उनमें से 27 गैर-यादव ओबीसी, पांच यादव (सपा के सभी यादव परिवार के सदस्य), 15 दलित, चार मुस्लिम और 11 उच्च जाति के नेताओं को टिकट दिए.

सभी पांच यादव - अखिलेश यादव (कन्नौज), उनकी पत्नी और मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव, उनके चचेरे भाई अक्षय यादव (फिरोजाबाद), आदित्य यादव (बदायूं) और धर्मेंद्र यादव (आजमगढ़) ने अपनी सीटें जीत लीं.

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