Lok Sabha Election 2024: BJP ने काटा टिकट, तो डॉ. हर्षवर्धन ने लिया राजनीति से संन्यास, बताया आगे का प्लान

Lok Sabha Election 2024: राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार 2 मार्च को 195 सदस्यों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस दौरान पार्टी ने एक तरह जहां कई नए चेहरों को मौका दिया है, तो वहीं दूसरी ओर कई नेताओं के टिकट भी काटे गए हैं. इनमें डॉ. हर्षवर्धन का नाम भी शामिल है. 

Written by - Pramit Singh | Last Updated : Mar 3, 2024, 03:08 PM IST
  • ‘अपनी जड़ों की ओर जाना चाहता हूं वापस’
  • ‘RSS के आग्रह पर ज्वाइन की थी राजनीति’
Lok Sabha Election 2024: BJP ने काटा टिकट, तो डॉ. हर्षवर्धन ने लिया राजनीति से संन्यास, बताया आगे का प्लान

नई दिल्लीः Lok Sabha Election 2024: राजधानी दिल्ली के चांदनी चौक लोकसभा सीट से मौजूदा सांसद डॉ. हर्षवर्धन ने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 को ध्यान में रखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने शनिवार 2 मार्च को 195 सदस्यों की पहली लिस्ट जारी कर दी है. इस दौरान पार्टी ने एक तरह जहां कई नए चेहरों को मौका दिया है, तो वहीं दूसरी ओर कई नेताओं के टिकट भी काटे गए हैं. इनमें डॉ. हर्षवर्धन का नाम भी शामिल है. 

चांदनी चौक से सांसद हैं डॉ. हर्षवर्धन
लोकसभा चुनाव 2024 में दिल्ली की चांदनी चौक से बीजेपी ने डॉ. हर्षवर्धन को उम्मीदवार न बनाकर प्रवीण खंडेलवाल को उम्मीदवार बनाया है. इसके बाद हर्षवर्धन ने राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया है. इस बात की जानकारी उन्होंने खुद एक्स पर अपने पोस्ट के जरिए दी है. डॉ. हर्षवर्धन मोदी सरकार में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं. 

‘अपनी जड़ों की ओर जाना चाहता हूं वापस’
डॉ. हर्षवर्धन ने एक्स पर लिखा, 'अपने तीस साल से अधिक के चुनावी करियर में मैंने सभी पांच विधानसभा और दो संसदीय चुनाव लड़े और उनमें बड़े अंतर से जीत भी हासिल की. साथ ही पार्टी संगठन, राज्य और केंद्र की सरकार में कई प्रतिष्ठित पदों पर काम भी किया है. लेकिन अब मैं अपनी जड़ों की ओर वापसी करना चाहता हूं. आज से पचास साल पहले जब मैंने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने की इच्छा के साथ जीएसवीएम कॉलेज, कानपुर में MBBS में प्रवेश लिया तो मानव जाति की सेवा ही मेरा आदर्श वाक्य था.' 

‘RSS के आग्रह पर ज्वाइन की थी राजनीति’
उन्होंने आगे लिखा, 'हमेशा से मैं दिल से एक स्वयंसेवक बनकर कतार के अंतिम व्यक्ति की सेवा करता रहा हूं और मैं दीनदयाल के उपाध्याय के अंत्योदय दर्शन को मानने वाला रहा हूं. तत्कालिन RSS नेतृत्व के आग्रह पर मैं चुनावी मैदान में आया था. वे मुझे बस इस बात पर मना सके कि मेरे लिए राजनीति का मतलब हमारे तीन शत्रुओं- गरीबी, बीमारी और अज्ञानता के खिलाफ लड़ना था.'

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