Sheetala Ashtami 2023 चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को शीतला अष्टमी का व्रत रखा जाता है. शीतला माता की पूजा से सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती है और संतान को लंबी उम्र प्राप्त होती है. मां शीतला के व्रत और पूजन में बासी भोजन का बेहद अधिक महत्व है. चैत्र माह में आने वाली सप्तमी और अष्टमी को शीतला माता की पूजा के लिए विशेष माना जाता है.
शीतला माता का व्रत विशेष रूप से माताएं अपने बच्चों और परिवार की खुशहाली के लिए रखती है. इस दिन ठंडा भोजन किया जाता है और गर्म चीजों का सेवन वर्जित होता है. 14 मार्च 2023 यानी आज शीतला सप्तमी और 15 मार्च 2023 को शीतला अष्टमी (बसोड़ा) का व्रत रखा जाएगा. शीतला माता की पूजा का समय 14 मार्च को सुबह 6:31 बजे से शाम 18:29 बजे तक रहेगा.
शीतला अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त धार्मिक कथाओं और मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है कि इस दिन माता शीला की पूजा करने से आरोग्यता का सुख प्राप्त होता है. देवी की पूजा करने से गंभीर रोगों से मुक्ति मिलती है. शीतला माता को शीतलता प्रदान करने वाली देवी माना जाता है. इसलिए, सूर्योदय से पहले उनकी पूजा करना सबसे अच्छा माना जाता है.
पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी की पूजा विशेष रूप से संतान सुख की कामना का फल देती है. देवी शीतला अपने हाथों में कलश, झाडू और सूप लिए हुए गधे की सवारी करती हैं. शीतला पूजन के दिन माताएं अपनी संतान के कल्याण के लिए व्रत रखती हैं और संतान सुख की प्राप्ति को लिए कामना करती है. इस व्रत से को करने से आरोग्यता और सुख की प्राप्ति भी होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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