नई दिल्ली. आचार्य चाणक्य की नीतियां और विचार ज्यादातर लोगों को सख्त और कठोर लगते हैं, लेकिन उनकी बातें जीवन का वास्तविक सत्य हैं. उन्होंने जीवन में तमाम विषयों का न सिर्फ गहन अध्ययन किया, बल्कि आम जिंदगी में काम आने वाली बातों के बारे में लोगों को भी बताया है. आचार्य ने मनुष्य के जीवन से जुड़ी ऐसी 5 बातों के बारे में बताया है, दो मां के गर्भ के दौरान ही तय हो जाती हैं.
आयुः कर्म च वित्तं विद्या निधनमेव च।
पञ्चैतानि च सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः।।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जीव जब मां के गर्भ में आता है तभी उसकी आयु, कर्म, धन, विद्या और मृत्यु तय हो जाती है. चाणक्य के अनुसार, मनुष्य के जीवन की ये पांचों बातें गर्भ के दौरान ही तय हो जाती हैं कि वह कितने वर्ष तक जीवित रहेगा, किस प्रकार के कर्म करेगा, उसे धन की प्राप्ति कैसे होगी और वह कितनी सिक्षा प्राप्त करेगा.
गुप्त धन क्या होता है
आचार्य चाणक्य के अनुसार,गुप्तधन वह होता है जिससे व्यक्ति मुसीबत के समय लाभ उठा सके. उन्होंने इसकी उपमा कामधेनु से की है. कामधेनुफसे कहा जाता है. जिससे व्यक्ति की इच्छाएं पूरी होती हैं. विद्या के कारण ही विदेश में व्यक्ति का सम्मान होता है. जिस प्रकार मां अपने बच्चों की रक्षा करती है, उसी प्रकार विदेश में शिक्षा से व्यक्ति की हर प्रकार से रक्षा होती है और सभी सुख प्राप्त होते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. Zee Hindustan इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)
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