DNA: भारत-US मामले में बेवजह उछलकूद क्यों कर रहे ट्रूडो? क्या भारत के साथ नए मोड़ पर पहुंचाना चाहते हैं तनाव
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DNA: भारत-US मामले में बेवजह उछलकूद क्यों कर रहे ट्रूडो? क्या भारत के साथ नए मोड़ पर पहुंचाना चाहते हैं तनाव

DNA on Canada PM Justin Trudeau: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो एक बार फिर भारत के संयम को उसकी कमजोरी समझ बैठे हैं. ट्रूडो ने जानबूझकर एक बार फिर भारत को उकसाने वाला बयान दिया है. 

DNA: भारत-US मामले में बेवजह उछलकूद क्यों कर रहे ट्रूडो? क्या भारत के साथ नए मोड़ पर पहुंचाना चाहते हैं तनाव

Zee News DNA on Canada PM Justin Trudeau: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की भारत विरोधी राग जारी है. इसी वर्ष सितंबर में Trudeau ने देश की संसद में भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे. उनका कहना था कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के पीछे Indian Agents थे. Trudeau के आरोपों पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी, साथ ही तभी से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी भी बढ़ी हुई है. हालांकि, Trudeau आरोपों से संबंधित कोई भी सबूत आजतक नहीं दे पाए हैं. इसलिए भारत के कड़े रुख के बाद कनाडा बैकफुट पर आ गया था. लेकिन Justin Trudeau ने एक बार फिर भारत को उकसाने वाला बयान दिया है.

ट्रूडो ने दिया उकसावे वाला बयान

बुधवार को Trudeau ने Canadian Broadcasting Corporation को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने फिर भारत का जिक्र किया और कहा कि अमेरिका के कड़े रुख के बाद, Canada को लेकर भारत के रुख में नरमी आई है. एक तरह से Trudeau ने भारत पर तंज कसने की कोशिश की. लेकिन ऐसा करके Trudeau ने भारत के साथ सुधरते रिश्तों में फिर खटास ला दी है क्योंकि इस बयान से हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड का Connection जुड़ा हुआ है.

इसी वर्ष नवंबर महीने में अमेरिका ने दावा किया था, कि एक भारतीय नागरिक ने एक सिख नेता की सुपारी दी थी. जिसकी सुपारी दी गई थी, वो खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू बताया गया. अमेरिकी कोर्ट में पेश दस्तावेजों में दावा किया गया, कि जिस भारतीय नागरिक ने सुपारी दी, उसे भारत सरकार के एक कर्मचारी से निर्देश मिले थे. नवंबर के आखिर में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था, कि वो मामले को गंभीरता से ले रहा है और इस Case में किसी भारतीय अधिकारी का नाम नहीं है. हालांकि, इस मामले को लेकर भारत ने एक High Level Committee बनाकर जांच शुरू कराई, भारत के इस कदम का अमेरिका ने स्वागत किया.

भारत के संयम को न समझे कमजोरी

गुरपतवंत सिंह पन्नू अमेरिका और कनाडा दोनों देशों का नागरिक है, भारत ने अमेरिका के दावों की जांच शुरू कराई है ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके, लेकिन Trudeau ने इसे भारत की कमजोरी समझने की गलती कर दी.

दरअसल, अमेरिका ने जो दावे किए उसके पक्ष में सबूतों की बात की. लेकिन कनाडा के प्रधानमंत्री Justin Trudeau सिर्फ आरोप लगाकर कदम पीछे खींच गए. पिछले हफ्ते ही Justin Trudeau ने 'The Candian News Agency' को इंटरव्यू दिया था. जिसमें उन्होंने निज्जर की हत्या में भारत की भूमिका के सवाल का जवाब दिया था. तब Trudeau का कहना था कि उन्होंने निज्जर की हत्या में भारत के संभावित संबंधों की चर्चा सार्वजिक तौर पर इसलिए की थी, ताकि भारत पर दबाव बनाया जा सके. उनका ये भी कहना था कि अगर भारत घटना में शामिल है, तो दोबारा ऐसी घटना करने से रोकने के लिए ऐसे आरोप लगाए गए.

 

खालिस्तानियों के लिए बना शरणस्थली

मतलब ये कि Trudeau ने बिना किसी ठोस सबूत के सार्वजनिक तौर पर भारत पर उंगली उठाई थी और अब मामला भारत और अमेरिका के बीच का है. दोनों देश सच जानने के लिए जांच को तैयार हैं, तब Trudeau भारत-अमेरिका के बीच के मामले पर बेवजह उछल कूद कर रहे हैं. जबकि ये बात किसी से छिपी नहीं है, कि Trudeau खालिस्तानियों को पूरा सपोर्ट कर करते हैं और कनाडा भारत विरोधी खालिस्तानियों के लिए शरणस्थली बन गया है.

खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद Justin Trudeau ने पहली बार सितंबर 2023 में बयान दिया था, जब उन्होंने भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाए थे. लेकिन इसके बाद से लगातार और बार-बार Trudeau बयान देते रहे हैं. पिछले चार महीने में कनाडा के प्रधानमंत्री Justin Trudeau के सुर बदले हैं. 

भारत ने कनाडा से की ये मांग

भारत पर बेबुनियाद आरोप लगाकर कनाडा बुरी तरह घिर गया है, इसलिए अब Trudeau मामले को नया मोड़ देना चाहते हैं. लेकिन भारत अब भी अपने रुख पर कायम है. गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने Trudeau के ताजा बयान पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, लेकिन कनाडा को नसीहत जरूर दी. जिसमें कहा गया कि कनाडा आतंकियों और भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का ठिकाना बन गया है.

भारत विरोधियों के लिए कनाडा Safe House की तरह है, क्योंकि उन्हें Trudeau सरकार से पूरा सहयोग मिलता है. जिसे लेकर भारत ने कहा है, कि कनाडा अपने देश में स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे. लेकिन Trudeau तो अपने बेबुनियाद आरोपों को सही ठहराने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं.

आतंकियों के हिमायती क्यों बने हैं ट्रूडो?

जिस खालिस्तानी आतंकी पन्नू की आड़ लेकर Trudeau भारत को घेरना चाहते हैं. वो मामला भारत और अमेरिका के बीच का है, जिसकी जांच के लिए दोनों पक्ष सहमत हैं. शायद यही वजह रही कि पहली बार इस मामले पर प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटिश अखबार Financial Times को इंटरव्यू दिया, जिसमें उन्होंने कहा, कि भारत और अमेरिका के संबंधों को मजबूत करने के लिए दोनों तरफ से समर्थन है. पीएम मोदी ने ये भी कहा, कि कुछ घटनाओं को राजनयिक संबंधों से जोड़ा जाना उचित नहीं है. अगर घटना के संबंध में भारत को कोई सूचना देता है तो भारत उस पर गौर करेगा.

भारत हमेशा समस्या के समाधान पर बात करता है, लेकिन Trudeau खालिस्तानी आतंकियों के हिमायती बने हुए हैं. जैसे ही गुरपतवंत सिंह पन्नू का मामला सामने आया, Trudeau तुरंत Active हो गए. निज्जर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा लेकिन कनाडा ने भारत के पक्ष पर गौर नहीं किया. दरअसल, Trudeau की चिंता देश के नागरिकों की सुरक्षा नहीं बल्कि उन खालिस्तानी आतंकियों की फिक्र है, जो भारत विरोधी गतिविधियों को कनाडा की जमीन से अंजाम दे रहे हैं.

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