Iran's New President: मसूद पेजेशकियन ने एक व्यावहारिक विदेश नीति को बढ़ावा देने, सामाजिक उदारीकरण और राजनीतिक बहुलवाद की संभावनाओं को बढ़ाने का वादा किया है.
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Iran Presidential Election: मसूद पेजेशकियन ने ईरान का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है. पिछले सप्ताह हुए मतदान में शीर्ष स्थान पर रहे दो उम्मीदवारों के बीच सीधे मुकाबले में उदावरवादी नेता मसूद पेजेशकियन ने कट्टपंथी सईद जलीली को हराकर शनिवार को जीत हासिल कर ली. हालांकि यह परिणाम बहुतों के चौंकाने वाले हैं क्योंकि पेजेशकियन को रेस में सबसे पीछे माना जा रहा था.
एपी के मुताबिक ईरान में पिछले महीने एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मृत्यु हो जाने के बाद, शुक्रवार को पेजेशकियन और जलीली के बीच सीधे मुकाबले के तहत मतदान हुआ था. पेजेशकियन एक करोड़ 63 लाख वोटों के साथ विजयी घोषित किए गए जबकि जलीली को एक करोड़ 35 लाख वोट मिले.
इससे पहले 28 जून को मतदान के शुरुआती दौर में किसी भी उम्मीदवार को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट नहीं मिले थे जिसके कारण शीर्ष दो उम्मीदवारों के बीच सीधा मुकाबला हुआ.
दुनिया करेगी स्वागत
रॉयटर्स के मुताबिक ऐसा माना जा रहा है कि पेजेशकियन की राष्ट्रपति चुनाव में जीत का विश्व शक्तियां स्वागत करेंगी. उम्मीद जताई जा रही है कि वह ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम की वजह से वेस्ट के साथ तनावपूर्ण गतिरोध को शांतिपूर्ण तरीके से खत्म करने की कोशिस करेंगे.
पेजेशकियन एक ऐसे निर्वाचन क्षेत्र से जीतने में सफल रहे - (जिसका मूल शहरी मध्यम वर्ग और युवाओं माना जाता हैः - जो वर्षों से सुरक्षा दमन के कारण व्यापक रूप से निराश से भरा था. सुरक्षा दमन के तहत रूढ़िवाद के खिलाफ किसी भी सार्वजनिक असहमति को दबा दिया गया था.
पश्चिम के साथ संबंध सुधारने के पक्षधर
69 वर्षीय कार्डिक सर्जन ने एक व्यावहारिक विदेश नीति को बढ़ावा देने, सामाजिक उदारीकरण और राजनीतिक बहुलवाद की संभावनाओं को बढ़ाने का वादा किया है. वह 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए प्रमुख शक्तियों फिर से वार्ता करने और संबंध सुधारने के पक्षधर हैं.
कितना बदलाव ला हैं पेजेशकियन?
यह चुनाव ऐसे समय में हुआ जब गाजा में इजरायल और ईरानी सहयोगी हमास के बीच युद्ध चल रहा है. ईरान के एक और सहयोगी लेबनान में हिजबुल्लाह और इजरायल के भी बीच भी तनाव बढ़ रहा है. इसके अलावा ईरान के तेजी से आगे बढ़ते परमाणु कार्यक्रम से भी पश्चिम परेशान है.
नए राष्ट्रपति से ईरान के परमाणु कार्यक्रम या मध्य पूर्व में मिलिशिया समूहों के लिए समर्थन पर कोई बड़ा नीतिगत बदलाव करने की उम्मीद कम है, क्योंकि सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई स्टेट के टॉप मामलों पर सभी फैसले लेते हैं.
हालांकि, राष्ट्रपति दिन-प्रतिदिन सरकार चलाते हैं और ईरान की विदेश और घरेलू नीति के रुख को एक हद तक प्रभावित कर सकते हैं.
ईरान के धार्मिक शासन के प्रति वफादार
रॉयटर्स के मुताबिक पेजेशकियन ईरान के धार्मिक शासन के प्रति वफादार हैं और उनका इरादा शक्तिशाली सुरक्षा हॉक और पादरी शासकों से टकराव का नहीं है. टीवी बहसों और इंटरव्यू में, उन्होंने खामेनेई की नीतियों का विरोध न करने का वादा किया है.
पूर्व राष्ट्रपति से अलग है पेजेशकियन के विचार
पेजेशकियन के विचार पूर्व राष्ट्रपति रईसी के विचारों से अलग हैं, जिन्होंने महिलाओं के पहनावे पर रोक लगाने वाले कानून को सख्ती से लागू किया.
रईसी ने परमाणु समझौते को फिर से जीवित करने के लिए प्रमुख शक्तियों के साथ दम तोड़ती वार्ता में कड़ा रुख अपनाया.
बता दें 2018 में, तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने समझौते से निकल गए और ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए. उनके इस कदम ने तेहरान को समझौते की परमाणु सीमाओं उल्लंघन करने के लिए प्रेरित किया.
पेजेशकियन ने कुप्रबंधन, राज्य भ्रष्टाचार और अमेरिकी प्रतिबंधों से त्रस्त अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने का वादा किया है.
हालांकि निर्वाचित राष्ट्रपति की शक्तियाँ खामेनेई की शक्तियों से कम हैं, इसलिए घर में राजनीतिक बहुलवाद और विदेश में ईरान के अलगाव को समाप्त करने के इच्छुक कई ईरानियों को शक है कि पेजेशकियन ज्यादा कुछ नहीं कर पाएंगे.
पारिवारिक जीवन
1980 के दशक में ईरान-इराक युद्ध के दौरान, एक फाइटर और फिजिशियन, के तौर पर शामिल हुए पेजेशकियन को फ्रंट लाइन की मेडिकल टीमों की तैनाती का काम सौंपा गया था. वह 2001-5 तक ईरान के स्वास्थ्य मंत्री थे.
पेजेशकियन ने 1994 में एक कार दुर्घटना में अपनी पत्नी और एक बच्चे को खो दिया था. उन्होंने अपने दो बेटों और एक बेटी का अकेले ही पालन-पोषण किया और कभी दोबारा शादी नहीं करने का फैसला किया.