UN News:इस्लामिक स्टेट ने 2014 में सीरिया तथा इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने के बाद स्वयंभू खिलाफत की घोषणा की थी. उसे तीन साल तक चली लड़ाई के बाद 2017 में इराक में पराजित घोषित किया गया लेकिन उसके सदस्य अब भी दोनों देशों में सक्रिय हैं.
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ISIS News: संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने सोमवार को कहा कि इस्लामिक स्टेट समूह के पूर्व में उसके गढ़ रहे सीरिया तथा इराक में अब भी 5,000 से 7,000 सदस्य हैं तथा उसके लड़ाके आज अफगानिस्तान में सबसे गंभीर आतंकवादी खतरा पैदा करते हैं. आतंकवादी समूह के खिलाफ प्रतिबंधों की निगरानी करने वाले विशेषज्ञों ने एक रिपोर्ट में कहा कि 2023 की पहली छमाही में इस्लामिक स्टेट द्वारा पैदा खतरा ‘संघर्ष वाले क्षेत्रों में अधिक और गैर-संघर्ष वाले इलाकों में कम रहा.’
रिपोर्ट में कहा गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा कि आतंकवादी समूह के नेतृत्व को पहुंचे नुकसान तथा सीरिया एवं इराक में उसकी कम गतिविधियों के बावजूद उसके फिर से सिर उठाने का खतरा बरकरार है.
‘समूह ने अपनी रणनीति में किया बदलाव’
विशेषज्ञों ने कहा, ‘समूह ने स्थानीय आबादी से जुड़कर अपनी रणनीति में बदलाव किया और सावधानी से उन लड़ाइयों का चयन किया है जिसमें सीमित नुकसान होने की संभावना होती है. वह उत्तरपूर्वी सीरिया तथा पड़ोसी देशों समेत कमजोर समुदायों के लोगों की अपने समूह में भर्ती कर रहा है.’
इस्लामिक स्टेट ने 2014 में सीरिया तथा इराक के बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने के बाद स्वयंभू खिलाफत की घोषणा की थी. उसे तीन साल तक चली लड़ाई के बाद 2017 में इराक में पराजित घोषित किया गया लेकिन उसके सदस्य अब भी दोनों देशों में सक्रिय हैं.
‘जानबूझकर कम किए हमले’
विशेषज्ञों ने कहा कि आतंकवाद रोधी अभियान निरंतर चलाए जाने के बावजूद इस्लामिक स्टेट के इराक तथा सीरिया में 5,000 से 7,000 सदस्य अब भी हैं ‘जिनमें से ज्यादातर लड़ाके हैं’ और उसने ‘लोगों की भर्ती करने तथा पुन: संगठित’ होने के लिए जानबूझकर अपने हमले कम कर दिए हैं.
उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट समूह देश तथा क्षेत्र के समक्ष सबसे गंभीर अतांकवादी खतरा उत्पन्न करता है. उसके अफगानिस्तान में अनुमानित 4,000 से 6,000 लड़ाके हैं.
(इनपुट – न्यूज एजेंसी - भाषा)