Canada China Relationship: भारत के साथ तो तल्‍खी थी ही अब कनाडा को ड्रैगन ने दिखाई आंखें, अचानक कहा- झूठ मत बोलिए
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Canada China Relationship: भारत के साथ तो तल्‍खी थी ही अब कनाडा को ड्रैगन ने दिखाई आंखें, अचानक कहा- झूठ मत बोलिए

कनाडा के गैरजिम्मेदाराना रवैये की वजह से भारत के साथ रिश्ते पहले ही खराब हो चुके हैं. अब चीन ने भी आक्रामक अंदाज में कहा कि बेहतर होता कि आरोप लगाने से पहले कनाडा पहले तथ्यों को जांच परख लेता. यहां हम बताएंगे कि आखिर कनाडा पर चीन क्यों खफा है.

Canada China Relationship:  भारत के साथ तो तल्‍खी थी ही अब कनाडा को ड्रैगन ने दिखाई आंखें, अचानक कहा- झूठ मत बोलिए

China Canada Relationship:  आखिर कनाडा बहकी बहकी बातें क्यों कर रहा है. कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो के सामने वो कौन सी मजबूरी है. क्या कनाडा, किसी के दबाव में तल्खी भरे बयान दे रहा है कि या सिर्फ घरेलू राजनीति की विवशता ने उसे ऐसा करने के लिए मजबूर किया है. खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर मर्डर केस में कनाडा ने भारत के साथ रिश्ते खराब कर लिए हैं. अब चीन के साथ भी उसकी तल्खी बढ़ रही है. चीन ने कनाडा को आगाह किया है कि बेहतर होगा कि बयानों में संयम बरता जाए. हाल ही में जिस तरह से कनाडा ने चीन के बारे में झूठ का प्रचार किया है उससे दोनों देशों के रिश्ते बेपटरी हो जाएंगे. इन सबके बीच यह जानना जरूरी है कि आखिर कनाडा पर चीन इतना गरम क्यों है.

आखिर कनाडा ने क्या कह दिया

दरअसल कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने कहा कि चीन से जुड़ा एक संगठन पीएम जस्टिन ट्रूडो के बारे में गलतफहमी फैला रहा है. यही नहीं वह संगठन कनाडा सरकार के दूसरे बड़े अधिकारियों के खिलाफ भी भ्रामक बातें कर रहा है. यही नहीं झूठ से सने वीडियो के जरिए कनाडा की छवि को धुमिल किया जा रहा है. इस तरह के आरोपों पर चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि इस तरह के झूठ के कारोबार से दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हो सकते हैं. कनाडा ने कई मौकों पर चीन पर उनके राजनेताओं के खिलाफ गलत सूचना फैलाने का झूठा आरोप लगाया है, लेकिन इसे साबित करने के लिए कभी कोई सबूत नहीं दिखाया.

मई 2023 से तनातनी

चीन और कनाडा के बीच तनातनी की शुरुआत इसी वर्ष मई के महीने से शुरू हो चुकी थी. कनाडा के सांसद को डराने धमकाने से जुड़े मामले में ट्रूडो सरकार का मानना था कि यह सब चीनी दूतावास के इशारे पर किया गया था और उसके लिए चीनी राजदूत को तलब भी किया गया था. हालांकि चीन ने तब भी ऐतराज जताया था लेकिन दोनों देशों के रिश्तों पर बर्फ जमने का आगाज हो चुका था. इस तरह की स्थिति पर कनाडा के सांसद माइकल चोंग ने कहा थी कि हमारे देश के आंतरिक मामलों में चीन लगातार दखल दे रहा है. लेकिन सरकार ने आंख मूंद लिया है. यही नहीं इस तरह का दावा भी किया गया कि हांगकांग में चोंग के परिवार को चीन की खु्फिया एजेंसी निशाना भी बना सकती है.

'चीन को बेवजह बदनाम करने की कोशिश'

कनाडा ने कहा कि हमारे आंतरिक मामलों में दखल के लिए टोरंटो कंसुलेट का एक चीनी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है. उसकी वजह से दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ना स्वाभाविक है. हम अलग अलग कूटनीतिक विकल्पों पर भी सोच रहे हैं ताकि कनाडा की संप्रभुता की रक्षा हो सके. यह बात अलग है कि चीन ने उस समय भी कनाडा के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था. चीन की तरफ से कहा गया कि कनाडा के कुछ राजनेता और मीडिया इस तरह की जानकारियों के जरिए चीन को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं.

2019-21 के चुनाव से भी कनेक्शन

चीन ने उस समय यह भी कहा कि कनाडा कि इस हरकत से हमारी साख पर असर पड़ा है. हम ऐसे किसी भी कारण, बयान को ऐसे कैसे जाने दे सकते हैं. हमारा स्पष्ट मत है कि कनाडाई सरकार को गंभीरता से बयान जारी करने चाहिए. अगर उनकी तरफ से बचकानी बात की जाएगी तो हम बलपूर्वक जवाब देने के लिए बाध्य होंगे. बता दें कि कनाडाई मीडिया का एक धड़ा यह मानता है कि 2019, 2021 के चुनाव में चीन ने कनाडा के आंतरिक मामलों में दखल देने की कोशिश की थी और उसका असर यह है कि अब जस्टिन ट्रूडो सरकार पर चीन के खिलाफ कड़े एक्शन लेने का दबाव बढ़ गया है.

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