Sunita Williams Networth: विलियम्स साइंटिफिक नॉलेज को आगे बढ़ाने और भविष्य के इंसानी और रोबोट एक्सप्लोरेशन मिशनों के लिए नई टेक्नोलॉजी को लेकर माइक्रोग्रैविटी लैब में काम कर रही हैं.
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Sunita Williams News: भारतीय मूल की नासा एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स अब इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की कमांडर हैं. सुनीता 8 दिन के मिशन के लिए स्पेस में गई थीं, लेकिन अब उनको 8 महीने से ज्यादा वक्त तक स्पेस में रहना होगा क्योंकि जिस बोइंग स्टारलाइनर को उनको धरती पर वापस लाना था, उसमें तकनीकी दिक्कतें आ गई हैं. इसी वजह से वह विमान बिना अंतरिक्ष यात्रियों को लाए वापस धरती पर लौट आया है. नासा ने ऐलान किया कि ISS में हुई एक सेरेमनी में रूस के कॉस्मोनॉट ओलेग कोनोनेंको ने स्पेस स्टेशन की कमान सुनीता विलियम्स को सौंप दी है.
धरती पर वापस लौंटेगे 3 एस्ट्रोनॉट्स
ओलेग कोनोनेंको को स्पेस स्टेशन में एक साल का वक्त हो चुका है और वह दो अन्य एस्ट्रोनॉट्स ट्रेसी सी डायसन और निकोलाई चुब के साथ धरती पर लौटने के लिए तैयार हैं. विलियम्स साइंटिफिक नॉलेज को आगे बढ़ाने और भविष्य के इंसानी और रोबोट एक्सप्लोरेशन मिशनों के लिए नई टेक्नोलॉजी को लेकर माइक्रोग्रैविटी लैब में काम कर रही हैं.
यह दूसरी बार है, जब आईएसएस की कमान सुनीता विलियम्स के हाथों में आई है. 12 साल पहले वह इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन की बागडोर संभाल चुकी हैं. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के कमांडर के तौर पर उनकी मुख्य जिम्मेदारी ISS में सुरक्षा बनाए रखना है.
'अभियान 71 ने हमें बहुत कुछ सिखाया है'
कमान मिलने के बाद सुनीता विलियम्स ने कहा, 'अभियान 71 ने हमें काफी कुछ सिखाया है, अपनाने की क्षमता. आपने मुझे और बुच को अपनाया, भले ही हम आपके प्लान का हिस्सा भी नहीं थे. लेकिन आपने परिवार की तरह हमारा स्वागत किया.'
ओलेग कोनोनेंको ने औपचारिक रूप से सुनीता विलियम्स को एक सुनहरी चाबी सौंपी. यह सोयूज स्पेसक्राफ्ट के डॉकिंग पोर्ट में इस्तेमाल किया जाने वाला एक हिस्सा है. सुनीता विलियम्स को ISS के जीरो ग्रैविटी वाले एनवायरनमेंट में चाबी को घुमाते और उससे खेलते हुए देखा गया. कुल मिलाकर, उन्होंने अंतरिक्ष में 431 दिन बिताए हैं और फरवरी में स्पेसएक्स क्रू ड्रैगन पर धरती पर लौटने की संभावना है.
छोटे शहर जैसा है ISS
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन अंतरिक्ष में एक छोटे शहर की तरह है जो 25 वर्षों से उड़ान भर रहा है. आईएसएस का वजन 419 टन है और इसकी लागत 150 बिलियन डॉलर से अधिक है. यह एक फुटबॉल मैदान के आकार का है, जो लगभग 109 मीटर लंबा है. अंतरिक्ष यात्री इसकी कक्षा में प्रतिदिन 16 सूर्योदय देखते हैं.