Gautam Adani: 'पीएम मोदी के कहने पर अडाणी ग्रुप को मिला प्रोजेक्ट', ये कहने वाले अधिकारी के खिलाफ हुई 'कार्रवाई'
Advertisement
trendingNow11219059

Gautam Adani: 'पीएम मोदी के कहने पर अडाणी ग्रुप को मिला प्रोजेक्ट', ये कहने वाले अधिकारी के खिलाफ हुई 'कार्रवाई'

Adani Group: अडाणी समूह ने कहा कि श्रीलंका में निवेश करने का हमारा इरादा एक मूल्यवान पड़ोसी की जरूरतों को पूरा करना है. एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में, हम इसे उस साझेदारी के एक आवश्यक हिस्से के रूप में देखते हैं जिसे हमारे दोनों देशों ने हमेशा साझा किया है.

Gautam Adani: 'पीएम मोदी के कहने पर अडाणी ग्रुप को मिला प्रोजेक्ट', ये कहने वाले अधिकारी के खिलाफ हुई 'कार्रवाई'

Adani Group Reaction: अडाणी समूह को श्रीलंका में मिली एक पवन ऊर्जा परियोजना पर विवादित टिप्पणी करने वाले द्वीपीय देश के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. एक दिन पहले ही यह अधिकारी अपने बयान से पलट गए थे. अधिकारी ने देश की संसदीय समिति के समक्ष अडाणी समूह को परियोजना देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कथित तौर पर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को प्रभावित करने का दावा किया था. 

अडाणी समूह ने जारी किया बयान

इस संबंध में श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री कंचना विजयशेखर ने कहा कि सार्वजानिक क्षेत्र की बिजली कंपनी सीलोन इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड (सीईबी) के चेयरमैन एमएमसी फर्डिनेंडो का इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया है. फर्डिनेंडो ने शुक्रवार को सार्वजनिक उपक्रम समिति (सीओपीई) की सुनवाई के दौरान कहा था कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने पिछले साल नवंबर में उन्हें एक बैठक के बाद तलब किया था.

अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रपति राजपक्षे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आग्रह पर इस परियोजना को भारत के अरबपति उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह को देने के लिए कहा था. हालांकि, श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने संसदीय समिति के समक्ष फर्डिनेंडो के बयान को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया. भारत सरकार की तरफ से इस मामले पर फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

ये भी पढ़ें- Siddhant Kapoor Released on Bail: श्रद्धा कपूर के भाई सिद्धांत को जमानत, ड्रग्स लेने के आरोप में किया गया था गिरफ्तार

इस बीच, अडाणी समूह ने सोमवार को एक बयान जारी कहा, ‘‘श्रीलंका में निवेश करने का हमारा इरादा एक मूल्यवान पड़ोसी की जरूरतों को पूरा करना है. एक जिम्मेदार कंपनी के रूप में, हम इसे उस साझेदारी के एक आवश्यक हिस्से के रूप में देखते हैं जिसे हमारे दोनों देशों ने हमेशा साझा किया है.’’ समूह के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट रूप से इस टिप्पणी को लेकर निराश है। इस मुद्दे को श्रीलंका सरकार द्वारा पहले ही उठाया जा चुका है.’’

ये भी पढ़ें- पेट्रोल-डीजल सस्‍ता हुआ या महंगा? चेक करें आज का लेटेस्‍ट रेट

 

Trending news