यूक्रेन युद्ध के बारे में ‘सच’ बोलने की वजह से गई नौकरी! रूसी जनरल का बड़ा दावा
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यूक्रेन युद्ध के बारे में ‘सच’ बोलने की वजह से गई नौकरी! रूसी जनरल का बड़ा दावा

Ukraine War:यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब रूसी प्राइवेट आर्मी वैगनर के विद्रोह को शांत हुए दो सप्ताह से अधिक समय हो गया है और यूक्रेन युद्ध की दिशा भी अनिश्चित बनी हुई है.

प्रतीकात्मक फोटो

Russia Ukraine War: रूसी सेना के एक जनरल ने कहा है कि यूक्रेन में युद्ध और अग्रिम मोर्चे पर तैनात अपने सैनिकों की स्थिति के बारे में सच्चाई बताने के कारण उन्हें नौकरी से हटा दिया गया है. एक रूसी सांसद द्वारा जारी ऑडियो के अनुसार, यह रहस्योद्घाटन मेजर जनरल इवान पोपोव की ओर से हुआ, जिन्होंने यूक्रेन के दक्षिणी ज़ापोरिज़िया क्षेत्र में 58वीं संयुक्त सशस्त्र सेना का नेतृत्व करते हुए रूस की सेना की कमान संभाली थी.

यह खबर ऐसे समय में सामने आई है जब रूसी प्राइवेट आर्मी वैगनर के विद्रोह को शांत हुए दो सप्ताह से अधिक समय हो गया है और भाड़े के सैनिकों का भविष्य अनिश्चित बना हुआ है. साथ ही यूक्रेन युद्ध की दिशा भी अनिश्चित बनी हुई है.

गुरुवार को रूसी सांसद ने लीक किया ऑडियो मैसेज
एनबीसी न्यूज के अनुसार यह ऑडियो संदेश स्पष्ट रूप से उनके सैनिकों के लिए था, लेकिन बुधवार को एक राजनेता और रूस के दक्षिणी सैन्य कमान के पूर्व डिप्टी कमांडर आंद्रे गुरुलेव द्वारा इसे टेलीग्राम पर पोस्ट किया गया, जिसमें पोपोव यह कहते प्रतीत होते हैं कि उन्हें सच बोलने के लिए उनके पद से हटा दिया गया था.

रूस की सबसे बड़ी पार्टी यूनाइटेड रशिया के सदस्य गुरुलेव ने यह नहीं बताया कि उन्हें रिकॉर्डिंग कैसे मिली.

रूसी सैनिकों की पीठ में छुरा घोंपा गया
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, मेजर जनरल इवान पोपोव ने कहा कि शीर्ष सैन्य अधिकारियों की विफलताओं के कारण रूसी सैनिकों की पीठ में छुरा घोंपा गया है. उन्होंने एक ऑडियो मैसेज में कहा कि "यूक्रेनी सेना मोर्चे पर हमारे रैंकों को नहीं तोड़ सकी, लेकिन हमारे वरिष्ठ प्रमुख ने हमें पीछे से मारा, सबसे कठिन और तीव्र क्षण में सेना का सिर धड़ से अलग कर दिया."

पोपोव, जिनका मिलिट्री कॉल साइन ‘स्पार्टाकस’ था और जिन्होंने दक्षिणी यूक्रेन में रूसी इकाइयों की कमान संभाली थी,  ने स्पष्ट रूप से यूक्रेनी तोपखाने से रूसी सैनिकों की मौत के मुद्दे को उठाया. उन्होंने कहा कि सेना में उचित काउंटर आर्टिलरी सिस्टम और दुश्मन तोपखाने की टोही का अभाव था.

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