Russia Ukraine War Updates: 'यूक्रेन से डिपोर्ट किए बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाना बंद करें', UN ने Russia को फटकारा
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Russia Ukraine War Updates: 'यूक्रेन से डिपोर्ट किए बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाना बंद करें', UN ने Russia को फटकारा

Russia Ukraine War News in Hindi: यूएन की एक चाइल्ड राइट कमेटी ने यूक्रेन से डिपोर्ट किए गए बच्चों पर रूस को फटकार लगाई है. कमेटी ने रूस से कहा है कि वह उन बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाना बंद करे.

 

Russia Ukraine War Updates: 'यूक्रेन से डिपोर्ट किए बच्चों को गलत इतिहास पढ़ाना बंद करें', UN ने Russia को फटकारा

Russia Ukraine War Updates: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को 2 साल पूरे होने जा रहे हैं लेकिन दोनों में से कोई भी पक्ष झुकने को तैयार नहीं है. इसी बीच बच्चों के मानवाधिकारों के लिए काम करने वाली यूएन की चाइल्ड राइट कमेटी ने रूस को लताड़ लगाई है. पैनल ने रूस से कहा है कि वह अपने राजनीतिक और सैन्य एजेंडे को पूरा करने के लिए स्कूलों के करिकुलम को दुबारा लिखने से बाज आए. कमेटी ने पिछले महीने इस मुद्दे पर 2 दिनों तक जिनेवा में हियरिंग की थी. इस दौरान यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि पूर्वी यूक्रेन से डिपोर्ट किए गए बच्चों को जबरन रशियन बनाने के लिए रूस अपने करिकुलम को फिर से लिखने की चाल चल रहा है. 

कमेटी ने रूस से जांच का किया आग्रह

स्वतंत्र विशेषज्ञों वाली 18 सदस्यीय कमेटी ने इससे पूर्व एक दशक पहले रूस में बच्चों के अधिकार को रिव्यू किया था. कमेटी ने रूसी सरकार से आग्रह किया कि वह राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के चिल्ड्रन राइट कमिश्नर पर वॉर क्राइम के आरोपों की भी जांच करे. कमेटी की 22- 23 जनवरी को हुई हियरिंग मे रूस के अधिकारियों ने भी भाग लिया था. अब पैनल की रिपोर्ट आने पर जिनेवा में रूस के मिशन ने कहा कि मॉस्को इसका जवाब देगा.

संयुक्त राष्ट्र की बाल अधिकार समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वह लवोवा-बेलोवा पर लगे गंभीर आरोपों से चिंतित है और रूसी सरकार से युद्ध अपराधों में उनकी भूमिका की जांच का आग्रह करती है. बड़ी बात ये रही कि कमेटी ने इस रिपोर्ट में पुतिन पर लगे आरोपों का जिक्र नहीं किया है. कमेटी ने रूसी स्कूलों में यूक्रेन वार के चैप्टर पढाए जाने और टीचर्स के लिए नया ट्रेनिंग मैन्युअल जारी करने के रूसी सरकार के फैसले की भी आलोचना की. 

रूसी स्कूलों में नए करिकुलम पर चिंता

कमेटी ने रूसी स्कूलों में यूक्रेन वार के चैप्टर पढाए जाने और टीचर्स के लिए नया ट्रेनिंग मैन्युअल जारी करने के रूसी सरकार के फैसले की भी आलोचना की. इसके साथ ही यूक्रेन में बच्चों के साथ रूसी सैनिकों की हिंसा और सेक्सुअल असॉल्ट पर भी चिंता जताई. संयुक्त राष्ट्र संघ ने पिछले साल रूस को ऐसे ब्लैकलिस्ट देशों की सूची में शामिल किया था, जहां संघर्ष के दौरान बाल अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा हो. कमेटी ने जनवरी में हुई अपनी हियरिंग में बुल्गारिया, कांगो, लिथुआनिया, सेनेगल और दक्षिण अफ्रीका में बच्चों के अधिकारों पर भी विचार किया.

कमेटी की सुनवाई में भाग लेते हुए श्रम और सामाजिक सुरक्षा के उप मंत्री एलेक्सी वोवचेंको ने इस बात से इनकार किया कि किसी भी यूक्रेनियन को उनके देश से जबरन निकाला गया था. उन्होंने कहा कि यूक्रेन के 4.8 मिलियन निवासियों, जिनमें 770,000 बच्चे भी शामिल हैं,  को रूस ने अपने कब्जे में ले लिया है.

रूस ने फरवरी 2022 में शुरू किया था अटैक

इससे पहले मार्च 2023 में इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट ने पुतिन और रूस के चिल्ड्रन राइट कमिश्नर मारिया लावोवा-बेलोवा पर यूक्रेन से बच्चों का अपहरण करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. 

बता दें कि रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर अटैक किया था. इसके बाद रूसी भाषी पूर्वी यूक्रेन के सैकड़ों बच्चों को युद्ध की विभीषिका से बचाने के लिए उसने बसों में बिठाकर उन्हें रूस के विभिन्न शहरों में भिजवा दिया था. अब वहां पर उन्हें रूसी स्कूलों में पढ़ाई करवाई जा रही है. इस घटना के बाद से पश्चिमी देश लगातार रूस की आलोचना करते आ रहे हैं. 

(एजेंसी पीटीआई)

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