Pakistan News:'बॉर्डर खुले तो सारे हिंदू इंडिया माइग्रेट कर जाएंगे', भारत में CAA लागू होते ही पाकिस्तान में मची 'भगदड़'!
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Pakistan News:'बॉर्डर खुले तो सारे हिंदू इंडिया माइग्रेट कर जाएंगे', भारत में CAA लागू होते ही पाकिस्तान में मची 'भगदड़'!

Pakistan News in Hindi: भारत में पड़ोसी देशों के गैर-मुस्लिम नागरिकों को नागरिकता देने के लिए  CAA का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है. इसके साथ ही पाकिस्तान में भगदड़ मचनी शुरू हो गई है. 

 

Pakistan News:'बॉर्डर खुले तो सारे हिंदू इंडिया माइग्रेट कर जाएंगे', भारत में CAA लागू होते ही पाकिस्तान में मची 'भगदड़'!

Reaction of CAA in Pakistan: भारत में CAA का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद पाकिस्तान से लगातार रिएक्शन आ रहे हैं. वहां भगदड़ की खबरें हैं. कानून के मुताबिक 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान से भारत आए. हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी.  इस खबर के सामने आने के बाद पाकिस्तानी हिंदुओं ने खुशी जताई है और पाकिस्तानियों का ये भी दावा है कि अगर बॉर्डर खोल दिया गया तो पाकिस्तान के सारे हिंदू भारत पहुंच जाएंगे. 

'पाकिस्तान में हिंदू अपना नाम बताने से डरते हैं'

पाकिस्तानी पत्रकार नाइला के मुताबिक हिंदू पाकिस्तान में बहुत डरे रहते हैं. कई हिंदू तो अपना मुसलमान नाम बताते हैं. वो डरते हैं कि कहीं हिंदू नाम बताने से उन पर हमला न हो जाए. मजहब की वजह से, अगर कोई हिंदू है तो इससे खाना-पीना नहीं, इसको अपने से दूर करके रखना है. हाथ लगा देना है. इस तरह फर्क जब समझा जाता है तो वो भी इंसान हैं हमारी तरह. तो वो संकोच महसूस करते हैं. 

वे सवाल उठाती हैं, 'पाकिस्तान से हिंदू माइग्रेट करके गये हैं इंडिया तो मुझे बताएं कि वो (पाकिस्तानी हिंदू) यहां से गए क्यों हैं? यहां पर आपने मूलभूत सुविधा स्वास्थ्य, शिक्षा और इंसाफ की वो आपने उनको(पाकिस्तानी हिंदू) नहीं दी. बराबरी का अधिकार नहीं दिया. मुझे बताएं पिछले 40-50 साल में पाकिस्तान में कितने नये मंदिर बने हैं?'

इंडिया वाले बॉर्डर खोल दें तो सारे हिंदू माइग्रेट कर जाएं

वे कहती हैं, आज इंडिया वाले अगर बॉर्डर खोल दें तो यहां से सारे हिंदू माइग्रेट कर जाएंगे. इसके बाद पाकिस्तान में कोई हिंदू नहीं बचेगा. पाकिस्तानी ऐसा क्यों कहने लगे इसकी वजह समझिए. पिछले 76 सालों से पाकिस्तान में पीएम चाहे शहबाज़ हों या इमरान. वहां रहनेवाले हिंदुओं की हालत कभी नहीं बदली. इस मुस्लिम मुल्क में हिंदू हमेशा सेकेंड क्लास सिटीजन ही रहे हैं. 

पाकिस्तान की आबादी में महज 5 फ़ीसदी जनसंख्या अल्पसंख्यक समुदायों की है. वहां पर करीब 2 प्रतिशत हिंदू हैं और 1 प्रतिशत के आसपास ईसाइयों की आबादी है. बाकी 2 प्रतिशत में दूसरे गैर मुस्लिम शामिल हैं. पाकिस्तानी हिंदुओं की आबादी कम है. उन्हें वहां हमेशा धर्म के नाम डराया-धमाकाया जाता है..यहां तक कि पाकिस्तानी मुसलमान वहां के हिंदुओं को अपने करीब भी आने नहीं देता.

दानिश कनेरिया ने भी सीएए पर जताई खुशी

पाकिस्तान में हिंदू धर्म मानने वालों के लिए भारत में CAA का नोटिफिकेशन किसी खुशखबरी से कम नहीं है. इसका एक और सबूत है पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर दानिश कनेरिया का ट्वीट. उन्होंने पोस्ट करके लिखा, अब पाकिस्तानी हिंदू खुली हवा में सांस ले सकेंगे. CAA लागू करने के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री को धन्यवाद.

दानिश कनेरिया खुद कह चुके हैं कि पाकिस्तानी क्रिकेट टीम में उन्हें टारगेट किया जाता था. दूसरे क्रिकेटर उन पर मजहब बदलने के लिए दबाव डालते थे..यही वजह है कि पाकिस्तान में रहनेवाले हिंदू अपनी जानबचाकर या तो भारत चले आते हैं या फिर किसी दूसरे देश भाग जाते हैं. 

पाकिस्तान में बड़े पद नहीं पा सकता गैर-मुस्लिम  

पाकिस्तान में बाकायदा कानून बनाकर ये तय कर दिया गया है कि कोई भी गैर मुस्लिम किसी बड़े पद पर बैठ नहीं सकता..यानी पाकिस्तान के हिंदू चुनाव लड़ सकते हैं. जीत भी सकते हैं पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति या फिर बड़े मंत्री नहीं बन सकते हैं.

पाकिस्तान में रहनेवाले हर 100 लोगों में 95 मुसलमान हैं..फिर भी वहां की जनता में हिंदुओं के खिलाफ नफरत है. हिंदुओं को टॉर्चर करने के लिए तरह-तरह के तरीके अपनाए जाते हैं. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक़, 2022 में मुल्क भर में ईशनिंदा के 35 मामले दर्ज किए गए. 171 लोगों को अभियुक्त बनाया गया, जिनमें 65 प्रतिशत मामले केवल पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के थे. 

हिंदुओं की श्मशान की जमीन भी कब्जा ली

आरोप ये हैं कि इस क़ानून का दुरुपयोग भी अल्पसंख्यकों यानी गैर मुस्लिमों के उत्पीड़न के लिए किया जाता है. कानून से लेकर सरकार तक पाकिस्तान में सबकुछ मुसलमानों का है. हिंदुओं के लिए वहां रहना नर्क जैसा है. कई इलाकों में तो हिंदुओं को दी गई श्मशान की जमीन पर भी पाकिस्तानी मुस्लिमों का कब्जा है.

पाकिस्तान में हिंदू के खिलाफ दुश्मनों जैसा व्यवहार इसलिए होता है क्योंकि वहां सरकार में उनकी हिस्सेदारी ना के बराबर है. पाकिस्तान की नेशनल एसेंबली में मौजूदा समय में 336 सीटें हैं और इसमें सिर्फ दस सीटें गैर-मुस्लिम यानी अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं. पाकिस्तान की संसद में अल्पसंख्यक सीटों को बढ़ाने की मांग लंबे समय से हो रही है. पर ऐसे प्रस्तावों पर वहां की कोई पार्टी ना तो ध्यान देती है और ना ही इन्हें पूरा करने की कोशिश होती है.

पाकिस्तान में मचा हुआ है हल्ला

भारत से आई एक खबर से पाकिस्तान में हल्ला मचा हुआ है..पाकिस्तान में हिंदुओं के बीच इस खबर की चर्चा है और वहां के कुछ मुसलमान मुल्क की इस हालात के लिए हिंदुओं से नफरत को जिम्मेदार मान रहे हैं. वे कहते हैं कि अगर पाकिस्तान में हिंदुओं के साथ दोयम दर्जे का व्यवहार नहीं किया जाता तो वे इस तरह अपना मुल्क छोड़ने के लिए मजबूर नहीं होते. 

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