Pakistan News: PAK में 'बेकाबू' हुई ISI, हाईकोर्ट के जजों ने सुप्रीम कोर्ट को लिखी चिट्ठी तो घर भेज दिए धमकी भरे पत्र
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Pakistan News: PAK में 'बेकाबू' हुई ISI, हाईकोर्ट के जजों ने सुप्रीम कोर्ट को लिखी चिट्ठी तो घर भेज दिए धमकी भरे पत्र

Pakistan ISI News: भारत के खिलाफ आतंकी साजिश रचने वाली पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी वहां की जुडिशरी के लिए भी दहशत का सबब बनी हुई है. वहां के जजों ने इसके खिलाफ आवाज उठाई तो एजेंसी ने उनके घरों पर धमकी भरे लेटर भेज दिए. 

 

Pakistan News: PAK में 'बेकाबू' हुई ISI, हाईकोर्ट के जजों ने सुप्रीम कोर्ट को लिखी चिट्ठी तो घर भेज दिए धमकी भरे पत्र

Pakistan News in Hindi: पाकिस्तान में आईएसआई इतनी पावरफुल है कि राजनेताओं को तो वह कुछ समझती ही नहीं, जज भी उसके इशारे पर नाचने को मजबूर रहते हैं. किस आरोपी को सजा देनी है और किसे छोड़ना है, इसका फैसला भी आईएसआई के जनरल ही करते हैं. जो जज ऐसा नहीं करते, उन्हें ISI अधिकारी अपहकरण करवाकर टॉर्चर करने से भी बाज नहीं आते. न्यायिक कार्यों में ISI के इस बढ़ते दखल से परेशान होकर इस्लामाबाद हाईकोर्ट के 6 जजों ने देश की सुप्रीम जुडिशल काउंसिल को पत्र लिखकर हालात पर अपनी गहरी चिंता जाहिर की. 

जजों को मिले धमकी भरे पत्र

जजों की ओर से सुप्रीम कोर्ट को लेटर भेजे जाने के बाद अब जजों और रिश्तेदारों के घरों पर धमकी भरे लेटर मिले हैं. इन लेटर में कुछ पर जहरीला पाउडर लगा है. ये लेटर सुप्रीम कोर्ट के जजों के साथ ही पीएम शहबाज शरीफ और पाकिस्तान पंजाब की सीएम मरयम नवाज शरीफ को संबोधित करके लिखे गए थे. 

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक अब तक ऐसे 10 लेटर के बारे में पता चला है. ये लेटर पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस काजी फैज ईसा, लाहौर हाई कोर्ट के जस्टिस अली बकर नजफ़ी, सीएम मरयम नवाज़ और पीएम शहबाज शरीफ को संबोधित थे. इनके अलावा सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मोहम्मद अली मज़हर, आयशा ए मलिक, सैयद हसन अज़हर रिज़वी, इरफ़ान सआदत और मुनीब अख्तर को भी संबोधित लेटर भेजे गए थे. 

'बैसिलस एन्थ्रेसीस में आपका स्वागत है'

इन लेटर पर लिखा था, 'बैसिलस एन्थ्रेसीस में आपका स्वागत है.' लेटर पर एक मानव खोपड़ी की तस्वीर भी थी. बैसिलस एन्थ्रेसीस एक बैक्टीरिया है, जो एंथ्रेक्स का कारण बनता है. यह एक प्रकार की दुर्लभ और गंभीर संक्रामक बीमारी होती है, जिससे लोग और जानवर दोनों प्रभावित होती है. 

पुलिस ने कहा कि उसने जजों के परिवार वालों को भेजे गए लेटर से पाउडर का नमूना इकट्ठा कर उसे विष विज्ञान और रासायनिक परीक्षण के लिए लैब में भेजा है. इससे पहले इस्लामाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस मलिक शहजाद अहमद खान, न्यायमूर्ति शुजात अली खान, न्यायमूर्ति शाहिद बिलाल हसन, न्यायमूर्ति आलिया नीलम और न्यायमूर्ति आबिद अजीज शेख सहित 5 जजों को संदिग्ध पाउडर के साथ धमकी भरे पत्र मिले थे. उन पत्रों की प्रारंभिक जांच से पता चला कि उनमें एंथ्रेक्स या कोई अन्य जहरीला पाउडर नहीं था.

रिश्तेदारों के जरिए डलवाया जा रहा दबाव

यह घटनाक्रम हाईकोर्ट के जजों की ओर से ISI एजेंटों के द्वारा दबाव बनाने की शिकायत के बाद आया है. जजों ने यह लेटर 25 मार्च को सुप्रीम कोर्ट को लिखा था. उस पत्र में 7 ऐसे उदाहरण बताए गए थे, जिनमें न्यायिक मामलों को प्रभावित करने के लिए जजों को धमकी दी गई. साथ ही उन्हें खास दिशा में मोड़ने के लिए कहा गया. जजों ने अपने पत्र में बताया था कि उन पर यह दबाव रिश्तेदारों के जरिए डलवाया जा रहा है. 

पत्र में बताया गया कि इस तरह के दबाव से एक जस्टिस इतने तनाव में पहुंच गए कि उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ गया. इसके बाद मामले को हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के संज्ञान में लाया गया. उन्हें बताया गया कि इस मामले को जुडिशरी की ओर से ISI के डीजी के सामने उठाया गया है, जिसने भरोसा दिया है कि एजेंसी का कोई अधिकारी जजों से किसी तरह का कोई संपर्क नहीं करेगा. 

जज के बहनोई का अपहरण कर दिए बिजली के झटके

पत्र में इस बात पर अफसोस जताया गया कि इन आश्वासनों के बावजूद ISI एजेंट न्यायिक कार्यों में खुलकर दबाव डालने की कोशिश कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट को भेजे पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया गया कि खुद को ISI अधिकारी कहने वाले कुछ सशस्त्र लोगों ने हाईकोर्ट के एक जस्टिस के बहनोई का अपहरण कर लिया. उसे खुफिया जगह पर ले जाकर खूब पीटा गया, बिजली के झटके दिए गए और जज के खिलाफ झूठे आरोपों वाला वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए मजबूर किया गया. 

(एजेंसी पीटीआई)

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