Trump Vs Kamala Harris: चीन का कहना है कि वह अमेरिका के अगले राष्ट्रपति की कुर्सी पर डोनाल्ड ट्रंप नहीं बल्कि कमला हैरिस को बैठा देखना चाहता है. चीन का कहना है कि जब ट्रंप राष्ट्रपति थे, तब दोनों देशों के रिश्ते तेजी से बिगड़ गए थे. इस कारण गंभीर टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी.
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US Presidential Election 2024: यूं तो दुनिया के हर देश में किसी ना किसी वक्त चुनाव चलते ही रहते हैं. लेकिन दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र अमेरिका के चुनाव की बात ही कुछ और है. दुनिया के सबसे ताकतवर नेता की कुर्सी पर कौन बैठेगा, इसकी जद्दोजहद अब करीब-करीब फाइनल राउंड तक पहुंच गई है. लेकिन अमेरिका का बड़ा प्रतिद्वंदी यानी चीन किस उम्मीदवार के पक्ष में है. इसका खुलासा खुद चीन ने कर दिया है.
चीन का कहना है कि वह अमेरिका के अगले राष्ट्रपति की कुर्सी पर डोनाल्ड ट्रंप नहीं बल्कि कमला हैरिस को बैठा देखना चाहता है. चीन का कहना है कि जब ट्रंप राष्ट्रपति थे, तब दोनों देशों के रिश्ते तेजी से बिगड़ गए थे. इस कारण गंभीर टकराव की स्थिति पैदा हो गई थी.
'US चुनाव पर टिप्पणी नहीं करना चाहते मगर...'
चीनी राष्ट्रीय सलाहकार निकाय सीपीपीसीसी की स्थायी समिति के सदस्य जिआ किंग्गू ने कहा कि चीन सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर टिप्पणी नहीं करना चाहती, क्योंकि वह नहीं चाहती कि उस पर अमेरिकी आतंरिक राजनीति में हस्तक्षेप करने का आरोप लगे.
चीनी जन राजनीतिक परामर्शदात्री संस्था (सीपीपीसीसी) राज्य शासन प्रणाली का एक अहम हिस्सा और एक खास चीनी राजनीतिक संस्था है. उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में चीन की पसंद को लेकर कहा, 'चीनी आम जनता के विचार हैरिस और ट्रंप को लेकर बंटी हुई हैं, लेकिन मैं ट्रंप के साथ बुरे अनुभव के कारण हैरिस को प्राथमिकता दूंगा. हम फिर से वैसा अनुभव नहीं करना चाहते हैं.'
'ट्रंप ने हमारे बारे में फैलाई थी गलत जानकारी'
उन्होंने कहा कि ट्रंप के राष्ट्रपति काल के दौरान, संबंधों में तेजी से गिरावट आई और दोनों देशों के बीच गंभीर टकराव हुआ. जिआ ने कहा कि ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति काल के दौरान चीन के बारे में काफी गलत जानकारी फैलाई थी. उन्होंने कहा, 'हमें जो बाइडेन की तारीफ से भी समस्या है' लेकिन बाइडेन को आंतरिक राजनीति और शायद उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता के कारण चीन के खिलाफ ट्रंप की तरफ से शुरू किए गए कई सख्त कदम विरासत में मिले हैं.' उन्होंने कहा, 'बाइडेन की अगुआई में चीन के प्रति अमेरिकी नीति अधिक स्थिर और पूर्वानुमानित है.'
(PTI इनपुट के साथ)