Death Is Ban: चौंकाने वाली बात है कि अगर इन जगहों पर किसी की मौत हो जाती है तो उसे सजा भी दी जाती है. इसके लिए कानून भी बनाए गए हैं. कुछ रिपोर्ट्स में यह जिक्र है कि तमाम लोग इन जगहों से बाहर जा-जाकर मरे हैं.
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No Death Rule: दुनिया के तमाम देशों में अलग-अलग अपराधों में लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं लेकिन सोचिए कि मौत के लिए भी सजा का प्रावधान हो तो यह काफी अचरज भरी बात होगी. आइए ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में जानते हैं जहां पर मौत पूरी तरह बैन है और आप वहां मर नहीं सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो मौत के बाद भी सजा का प्रावधान किया गया है. इसके कई कारण हैं. नार्वे, इटली, जापान, फ्रांस की कुछ ऐसी जगहें हैं जहां पर मौत के बाद सजा का प्रावधान है.
अनोखे नियमों की कई वजहें
दरअसल, नॉर्वे, इटली, जापान समेत इन देशों की कुछ जगहों पर भौगोलिक और पारिस्थितिक वजहों के चलते मौत को बैन किया गया है. नार्वे के लोंगयेरब्येन में 70 सालों से किसी को दफनाया नहीं गया क्योंकि यहां इतना बर्फ पड़ता है कि शव ना ही सड़ते हैं और ना ही नष्ट होते हैं. यहां बीमार शख्स को या मरने वाले को दूसरे शहर में ले जाया जाता है. इटली की फाल्सीआनो डेल मैसिको नामक जगह पर भी कमोबेश यही हाल है. यहां तो बकायदा एक कानून है कि यहां मरना गैर कानूनी है. क्योंकि यहां के कब्रिस्तान में दफनाने की भी जगह नहीं बची है.
कहीं तो बीमार होना भी जुर्म
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जापान के इत्सुकुशिमा में तो 1878 से मृत्यु और जन्म पर बैन लगाया हुआ है. इस स्थान पर गर्भवती महिला, बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों का जाना भी एकदम मना है. फ्रांस के सार्पोरेंक्स स्थित एक गांव में तो यह आदेश है कि मरने से पहले यह यहां से निकल लेना है. यहां के कब्रिस्तान में जगह नहीं है. दक्षिण इटली के सेलिया में तो बीमार होना भी जुर्म है. कुछ ऐसा ही स्पेन के लैंजारोन में है जहां कब्रिस्तान की कमी है.
क्या दिया जाता है तर्क
बताया जाता है कि कुछ जगहों पर तो स्थानीय पारस्थिति के वजह से ऐसे आदेश दिए गए हैं जबकि कुछ जगहों पर कब्रिस्तान की कमी की वजह से है. हालांकि इसके पक्ष में यह तर्क दिया जाता है ताकि लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग रहें. कुछ जगहों पर तो ऐसा है कि अगर लोग जागरूकता अभियानों में भाग ना लें तो उन पर जुर्माना लगा दिया जाता है.