क्या है ब्लड मनी, जिससे बच सकती है मुस्लिम देश की जेल में बंद निमिषा; मोदी सरकार के पास हैं ये ऑप्शन?
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क्या है ब्लड मनी, जिससे बच सकती है मुस्लिम देश की जेल में बंद निमिषा; मोदी सरकार के पास हैं ये ऑप्शन?

Yemen Blood money: केरल की नर्स निमिषा को यमन में मौत की सजा सुनाई गई है. यमन की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है, और अब आखिरी उम्मीद क्षमादान पर टिकी है. इस बीच उनके परिवार ने मोदी सरकार से भी गुहार लगाई है.

क्या है ब्लड मनी, जिससे बच सकती है मुस्लिम देश की जेल में बंद निमिषा; मोदी सरकार के पास हैं ये ऑप्शन?

Nimisha Priya case: मिडिल ईस्ट के मुस्लिम देश यमन में इन दिनों केरल की रहने वाली एक नर्स निमिषा प्रिया की काफी चर्चा है. उनकी चर्चा अब भारत में भी है. कारण यह है कि निमिषा 2017 से यमन की जेल में बंद हैं. निमिषा पर यमन के नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है, जिसके चलते उन्हें मौत की सजा सुनाई गई है. यमन की सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अर्जी खारिज कर दी है, और अब आखिरी उम्मीद राष्ट्रपति की क्षमादान पर टिकी है. इस बीच उनके परिवार ने मोदी सरकार से भी गुहार लगाई है और ब्लड मनी के जरिए समझौते की संभावना पर चर्चा शुरू की है.

कौन हैं निमिषा प्रिया?
दरअसल, निमिषा प्रिया एक प्रशिक्षित नर्स हैं, जिन्होंने 2008 में केरल से यमन जाकर राजधानी सना के एक सरकारी अस्पताल में काम शुरू किया. 2011 में उन्होंने केरल लौटकर टॉमी थॉमस से शादी की लेकिन आर्थिक दिक्कतों के चलते परिवार को 2014 में भारत लौटना पड़ा. जबकि निमिषा यमन में ही रहकर परिवार को आर्थिक रूप से सहारा देने लगीं.

निमिषा का संघर्ष और फिर महदी की एंट्री
वापस लौटकर 2015 में निमिषा ने एक क्लिनिक शुरू किया, जिसमें स्थानीय साझेदार होना आवश्यक था. यहीं पर यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी उनकी जिंदगी में आए. महदी ने न केवल क्लिनिक के दस्तावेजों में हेरफेर कर स्वामित्व का दावा किया, बल्कि निमिषा की शादी की तस्वीरों का दुरुपयोग कर उन्हें अपनी पत्नी साबित करने की कोशिश की. इसके अलावा उन्होंने निमिषा का पासपोर्ट अपने कब्जे में ले लिया.

फिर कैसे पहुंच गईं जेल?
पासपोर्ट वापस पाने की कोशिश में 2017 में निमिषा ने महदी को बेहोशी का इंजेक्शन दिया, लेकिन ओवरडोज के कारण उसकी मौत हो गई. आरोप है कि इसके बाद, महदी के शरीर को पानी की टंकी में छिपा दिया गया. निमिषा और उनकी सहकर्मी हनान को गिरफ्तार कर लिया गया, और 2018 में यमन की ट्रायल कोर्ट ने निमिषा को मौत की सजा सुनाई. 2023 में यमन की सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा.

परिवार और सरकार से गुहार
अब निमिषा के असली पति टॉमी थॉमस और उनकी मां प्रेमा कुमारी ने मोदी सरकार से मदद की गुहार लगाई है. उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर निमिषा की सजा कम करवाने के लिए ब्लड मनी का विकल्प अपनाने की अनुमति मांगी है. उनकी 13 वर्षीय बेटी जो अपनी मां के बिना बड़ी हो रही है, अब भी उम्मीद लगाए बैठी है कि निमिषा वापस आ जाएंगी.

क्या है ब्लड मनी?
इन सबके बीच इस टर्म की काफी चर्चा है. असल में यमन समेत कई अरब देशों में ब्लड मनी की व्यवस्था है, जिसके तहत मृतक के परिजन हर्जाने की रकम लेकर दोषी को माफ कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महदी के परिवार ने निमिषा के परिजनों से 5 करोड़ यमनी रियाल लगभग 1.52 करोड़ रुपये की मांग की है. यह राशि पीड़ित परिवार को देने से निमिषा की मौत की सजा रद्द की जा सकती है.

आगे क्या हो सकता है?
निमिषा के परिवार के वकील के अनुसार, शरिया कानून के तहत यह मामला पीड़ित परिवार की माफी पर निर्भर करता है. हालांकि यमन में जारी संघर्ष और भारतीयों की यात्रा पर लगे प्रतिबंध इस प्रक्रिया को कठिन बना रहे हैं. अब इस मामले में केंद्र सरकार ही मदद कर सकती है. समय तेजी से बीत रहा है अब देखना होगा कि भारत सरकार और निमिषा का परिवार मिलकर उन्हें मौत की सजा से बचाने में कामयाब होते हैं या नहीं. हालांकि कहा जा रहा है इसमें सरकार ने मदद की है बौर वहां काउंसल उपलब्ध कराया है लेकिन मामला इस बात पर फंसा हुआ है कि यमन की स्थिति को देखते हुए वहां क्या कदम उठाए जा सकते हैं.

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