Britain PM Election: पुराने बयानों के चलते घिरीं Liz Truss, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री चुनावों में ऋषि सुनक से है टक्कर
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Britain PM Election: पुराने बयानों के चलते घिरीं Liz Truss, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री चुनावों में ऋषि सुनक से है टक्कर

Liz Truss vs Rishi Sunak: ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए ऋषि सुनक और लिज ट्रस में टक्कर चल रही है. ऐसे में लिज ट्रस के विरोधी लगातार ये सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर वह किस साइड हैं. 2010 में पहली बार सांसद बनीं लिज ट्रस को उनके विरोधी एक मौकापरस्त मान रहे हैं.

Britain PM Election: पुराने बयानों के चलते घिरीं Liz Truss, ब्रिटेन में प्रधानमंत्री चुनावों में ऋषि सुनक से है टक्कर

Britain PM Election: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का चुनाव इन दिनों पूरी दुनिया के लिए चर्चा का विषय है. इस चुनाव की चर्चा भारत में भी है. वजह है कि भारतीय मूल के शख्स ऋषि सुनक PM पद के उम्मीदवार हैं. हालांकि वे इस चुनाव में हारते नजर आ रहे हैं. उनकी टक्कर लिज ट्रस से है. ओपिनियन पोल्स की मानें तो लिज ट्रस कंजर्वेटिव पार्टी की नई लीडर और ब्रिटेन की प्रधानमंत्री बन सकती हैं. 

लिज ट्रस पर लग रहे इस बात के आरोप

बता दें कि लिज ट्रस के विरोधी लगातार ये सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर वह किस साइड हैं. 2010 में पहली बार सांसद बनीं लिज ट्रस को उनके विरोधी एक मौकापरस्त मान रहे हैं. कई लोग जो वर्षों से उन्हें देखते आए हैं, वह सवाल पूछ रहे हैं कि क्या उनकी कोई ईमानदार विचारधारा है या वह समय के हिसाब से चीजों का समर्थन करती हैं. 

किस विचारधारा की हैं लिज ट्रस?

लिज ट्रस का जन्म 1975 में हुआ था. लिज की ही मानें तो वह एक ऐसे परिवार में जन्मी थीं, जिसकी विचारधारा वामपंथी लेबर पार्टी की थी. वह ब्रिटेन के ऐसे इलाके में बड़ी हुईं जो कंजर्वेटिव पार्टी को परंपरागत तौर पर वोट नहीं देता. प्राइवेट एजुकेशन वाले कैबिनेट के अन्य साथियों की अपेक्षा ट्रस लीड्स में एक सरकारी स्कूल में पढ़ीं और बाद में ऑक्सफोर्ड तक गईं.

'जनता के हिसाब से बयान देती हैं लिज ट्रस'

CNN में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक 90 के दशक में ट्रस के साथ प्रचार करने वाले लिबरल डेमोक्रेट काउंसलर नील फॉसेट ने कहा, 'मैं ईमानदारी से सोचता हूं तो दिखता है कि ट्रस अपने दर्शकों के हिसाब से बात करती हैं. चाहे वह राजशाही को खत्म करने की बात हो या फिर भांग को वैध करने की. मुझे आज भी नहीं पता कि ट्रस जो कहती हैं क्या उस पर उन्हें विश्वास रहता है? चाहे वह तब की बात हो या आज की बात हो.'

कंजर्वेटिव पार्टी के विरोध में दिए थे बयान!

गौरतलब है कि एक वक्त पर लिज ट्रस वामपंथी विचारधारा की पार्टी लिबरल डेमोक्रेट्स की एक एक्टिव मेंबर थीं. इस दल ने लंबे समय तक इंग्लैंड के एक बड़े हिस्से में कंजर्वेटिव पार्टी का विरोध किया है. लिज ट्रस ने लिबरल डेमोक्रेट होने के दौरान गांजे को वैध करने और शाही परिवार के उन्मूलन का समर्थन किया था. हालांकि कंजर्वेटिव पार्टी इस मुद्दे की बिल्कुल विरोधी रही है.

पुराने बयानों से बढ़ेंगी मुश्किलें?

यही वजह है कि अब प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवार लिज ट्रस के पुराने बयान तेजी से वायरल हो रहे हैं और लोग उनसे उनकी विचारधारा को लेकर सवाल पूछ रहे हैं.

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