Khaleda Zia: खालिदा जिया बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुकी है. अदालत ने खालिदा जिया को इस मामले में दोषी मानते हुए जेल की सजा सुनाई.
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Bangladesh Former PM Khaleda Zia: खालिदा जिया बांग्लादेश की एक प्रमुख राजनीतिज्ञ हैं और देश की पूर्व प्रधानमंत्री रह चुकी हैं. वह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख हैं. उनका राजनीतिक करियर काफी संघर्षपूर्ण और प्रभावशाली रहा है. खालिदा जिया ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति मानी जाती हैं. उनके कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए गए थे.
2018 में हुई थी गिरफ्तार
खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 2018 में एक भ्रष्टाचार मामले में दोषी पाया गया, जिसमें उन पर आरोप था कि उन्होंने प्रधानमंत्री रहते हुए अनाथालय ट्रस्ट के लिए विदेशी दान के पैसे का दुरुपयोग किया. यह मामला "ज़िया अनाथालय ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामला" के नाम से जाना जाता है. आरोप था कि इस ट्रस्ट के लिए आवंटित फंड का इस्तेमाल गलत तरीके से किया गया था.
अदालत ने सुनाई थी सजा
अदालत ने खालिदा जिया को इस मामले में दोषी मानते हुए जेल की सजा सुनाई. इसके अलावा, उनके बेटे तारिक रहमान और अन्य को भी इस मामले में दोषी ठहराया गया था. खालिदा जिया और उनके समर्थकों ने इस फैसले को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा कि यह उन्हें राजनीति से बाहर करने का एक प्रयास है. इसके बावजूद, अदालत ने उन्हें जेल की सजा दी और वह जेल में रहीं.
बीएनपी के किया था विरोध
इस दौरान, उन्होंने और उनकी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उनका विरोध किया. खालिदा जिया की सेहत को लेकर भी चिंताएं थीं, और उन्हें स्वास्थ्य कारणों से अस्थायी रूप से जमानत भी दी गई थी. उनके समर्थकों का मानना था कि यह सजा राजनीति से प्रेरित है और उन्हें राजनीति से दूर रखने का प्रयास है.
प्रधानमंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका
1996 में, खालिदा जिया बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका में थीं. वह 1991 से 1996 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं, जब बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की सरकार सत्ता में थी. 1996 में, उनकी सरकार के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन और आरोप लगे कि चुनाव में धांधली हुई थी. इस स्थिति में बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई थी. इस स्थिति के चलते, खालिदा जिया ने 1996 के मार्च महीने में इस्तीफा दे दिया और एक अस्थायी सरकार का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व न्यायमूर्ति हबीबुर रहमान ने किया. इस अस्थायी सरकार का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना था.
शेख हसीना बनी प्रधानमंत्री
खालिदा जिया के इस्तीफे के बाद, जून 1996 में आम चुनाव हुए, जिसमें शेख हसीना की पार्टी, अवामी लीग, ने जीत हासिल की और शेख हसीना ने प्रधानमंत्री का पद संभाला. इस प्रकार, खालिदा जिया का पहला कार्यकाल 1996 में समाप्त हुआ, और उन्होंने विपक्ष में रहते हुए बांग्लादेश की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई.