Chinese spy balloon: हाल ही में अमेरिकी सेना ने चीनी जासूसी गुब्बारे को मार गिराया. इसके बाद ये चर्चा चल रही है कि अमेरिका ने इसके लिए किस मिसाइल का इस्तेमाल किया. आप भी देखिए कैसे धुआं-धुआं हो गया जासूसी चीनी गुब्बारा.
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Spy Balloons: कुछ दिनों पहले अमेरिका की सेना ने चीन के जासूसी गुब्बारे को अटलांटिक महासागर के ऊपर से मार गिराया था. इस गुब्बारे को AIM-9X SIDEWINDER मिसाइल से धुआं-धुआं कर दिया गया. इसके लिए अमेरिकी वायु सेना के एफ-22 रैप्टर विमान का इस्तेमाल किया गया था. इस मिसाइल की कीमत लगभग 3 करोड़ रुपये है. इस घटना के तुरंत बाद ही अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस मिशन में शामिल पायलट को बधाई देने के बारे में बात कही. चीन ने अमेरिका के इस एक्शन पर गुस्सा जताया है. आइए जानते हैं इस मिसाइल के बारे में.
अमेरिका ने चीनी गुब्बारे को इस मिसाइल से उड़ाया
An F-22 scores a hit. There isn’t much a Chinese spy ballon is going to see that you can’t see on Google Earth. So do you suppose it was monitoring our radar and electronic countermeasures? I’m guessing they dropped it in the water so we could retrieve it relatively intact. pic.twitter.com/RbGWIlnSNl
— Scotty (@Scotty29222536) February 5, 2023
अमेरिका ने चीनी जासूसी गुब्बारे को मारने के लिए AIM 9X साइडविंडर मिसाइल का यूज किया था. इसे अमेरिकी AF 22 लड़ाकू विमान के द्वारा ले जाया गया था. आपको बता दें कि ये मिसाइल हवा से हवा में मार करने की क्षमता रखती है. इस मिसाइल को अमेरिकी वायु सेना और नौसेना इस्तेमाल करती है. इसे रेथियॉन कंपनी ने विकसित किया है. यह इंफ्रारेड तकनीक से अपने टारगेट का पता लगाती है. वर्तमान में ये मिसाइल 24 देशों की सेना के पास है. इस मिसाइल की आपूर्ति नाटो के सदस्य देशों को की जाती है.
इस मिसाइल को क्यों बनाया?
इस मिसाइल का डेवलपमेंट एक संयुक्त अमेरिकी नौसेना और वहां की वायु सेना के एक कार्यक्रम के तहत शुरू किया गया था. इस मिसाइल का पहला टेस्ट मार्च 1999 में किया गया था. F/A 18 लड़ाकू विमान और अमेरिकी वायु सेना के F 15 लड़ाकू विमान से इस मिसाइल के 13 टेस्ट किए गए. इसके अलावा 12 टेस्ट मिसाइल फायरिंग के लिए भी किए गए. ये टेस्ट होने के बाद नवंबर 2000 में रेथियॉन को इसे बनाने का प्रोजेक्ट मिला, फिर नवंबर 2003 में इस मिसाइल को हरी झंडी दे दी गई और उसके बाद बड़े पैमाने पर इसका प्रोडक्शन मई 2004 में शुरू हो गया.
इन लड़ाकू विमान से करते हैं इसे फायर
इस मिसाइल को F/A 18C/D, F 15, F/A 18E/F, F 15E, F 15C, E/A 18G, F 16, F 22 और F 35 लड़ाकू विमान से फायर किया जाता है. इसे LAU 12X, LAU 7 और NASAM सीरीज लॉन्चर से भी फायर किया जा सकता है.
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