Iran Protests: मेरी मौत के बाद कब्र पर कुरान मत पढ़ना...फांसी से पहले लड़के की आखिरी ख्वाहिश सुन लोगों की भर आईं आंखें
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Iran Protests: मेरी मौत के बाद कब्र पर कुरान मत पढ़ना...फांसी से पहले लड़के की आखिरी ख्वाहिश सुन लोगों की भर आईं आंखें

Iran Hijab Protests: मशहद शहर में मजीदरेज़ा रहनावरद को सोमवार को सरेआम फांसी दे दी गई थी. चार दिन पहले 23 साल के मोहसिन शेकरी को सुरक्षा बलों को घायल करने को लेकर फांसी दी गई थी. अंतराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद किसी प्रदर्शनकारी को फांसी दिए जाने का यह पहला मामला था.

Iran Protests: मेरी मौत के बाद कब्र पर कुरान मत पढ़ना...फांसी से पहले लड़के की आखिरी ख्वाहिश सुन लोगों की भर आईं आंखें

Iran Boy Executed: ईरान में एक 23 साल के लड़के को सजा-ए-मौत दे दी गई. उस पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने का आरोप था. लेकिन मरने से पहले उसने कुछ निर्देश छोड़े हैं, जिसने सबको हैरान कर दिया. उसकी आखिरी ख्वाहिश थी कि न तो उसके लिए कोई मातम मनाए और न ही कोई कब्र पर कुरान पढ़े. 

बताई थी आखिरी ख्वाहिश

मशहद शहर में मजीदरेज़ा रहनावरद को सोमवार को सरेआम फांसी दे दी गई थी. चार दिन पहले 23 साल के मोहसिन शेकरी को सुरक्षा बलों को घायल करने को लेकर फांसी दी गई थी. अंतराष्ट्रीय आलोचना के बावजूद किसी प्रदर्शनकारी को फांसी दिए जाने का यह पहला मामला था. एक वीडियो सामने आया है, जिसमें रहनावरद अपनी आखिरी ख्वाहिश बताता नजर आ रहा है. उसकी आंखों पर पट्टी बंधी हुई है और दो नकाबपोश गार्ड्स से घिरा हुआ है और कैमरे पर बोल रहा है. वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं हो पाई है. 

वीडियो में वह कहता है, 'मैं नहीं चाहता कोई मेरी कब्र पर मातम मनाए. मैं नहीं चाहता कि कोई वहां कुरान पढ़े या प्रार्थना करे. सिर्फ जश्न मनाओ और खुशियों वाला म्यूजिक बजाओ.' बेल्जियम की संसद सदस्य और महिला अधिकार कार्यकर्ता दरिया सफ़ाई ने वीडियो ट्वीट किया है. इसके कैप्शन में उन्होंने लिखा, ' ईरान में 12 दिसंबर को फांसी पर लटकाए जाने से थोड़ा पहले, उन्होंने रहनावरद से पूछताछ की. उसके आखिरी शब्द थे- मैं नहीं चाहता कि कोई मेरी कब्र पर कुरान पढ़े या प्रार्थना करे. सिर्फ जश्न मनाइए. शरिया कानून के कारण उसे फांसी दी गई.   

अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा

मिजान ऑनलाइन न्यूज एजेंसी ने बताया कि रहनावरद को सुरक्षा बलों के दो सदस्यों की चाकू मारकर हत्या करने और चार अन्य लोगों को घायल करने के लिए अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. न्यूज एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ओस्लो स्थित समूह ईरान मानवाधिकार के निदेशक महमूद अमीरी-मोघद्दाम ने कहा कि रहनावरद को एक शो ट्रायल के बाद ज़बरदस्ती स्वीकारोक्ति के आधार पर मौत की सजा सुनाई गई थी. उनके हवाले से न्यूज एजेंसी एएफपी ने कहा, '23 दिन की गिरफ्तारी के बाद उसे सार्वजनिक तौर पर फांसी दे दी गई. यह इस्लामिक रिपब्लिक के नेताओं का एक और गंभीर अपराध है.'

प्रोटेस्ट मॉनिटर सोशल मीडिया चैनल 1500तस्वीर ने कहा कि उसके परिवार को फांसी दिए जाने के बाद ही इसकी सूचना दी गई थी. चैनल ने रहनावरद और उसकी मां के बीच आखिरी मुलाकात की तस्वीरें प्रकाशित कीं. इसमें कहा गया कि उसकी मां को कोई इल्म नहीं था कि वह मरने वाला है.

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