दुनिया की सबसे पुरानी किताबों में शुमार एक पांडुलिपि की लंदन में नीलामी होने जा रही है. ईसाई धर्म की शुरुआत में लिखी गई इस पांडुलिपि के लिए 2.6 मिलियन डॉलर (21 करोड़ रुपये) से लेकर $3.8 मिलियन (करीब ₹31 करोड़) तक मिल सकते हैं.
Trending Photos
Oldest Book In Private Hands: दुनिया की सबसे पुरानी पांडुलिपियों में से एक- The Crosby-Schøyen Codex नीलाम होने वाली है. इजिप्ट में यह किताब उस दौर में लिखी गई थी जब दुनिया में ईसाई धर्म का प्रसार शुरू ही हुआ था. ब्रिटिश नीलामी घर Christie's ने जून में इस पांडुलिपि की नीलामी का ऐलान किया है. पपाइरस पर कोप्टिक भाषा में इस किताब को लगभग 250-350 AD में लिखा गया था. इस किताब में कुल 104 पेज हैं. बताया जाता है कि पांडुलिपि को एक ही लेखक ने करीब 40 साल में पूरा किया. Christie's का अनुमान है कि यह पांडुलिपि कम से कम 2.6 मिलियन डॉलर यानी लगभग 21.69 करोड़ रुपये में बिकेगी. नीलामी में इसकी कीमत $3.8 मिलियन (लगभग ₹31. 71 करोड़) तक जा सकती है. Christie's के अनुसार, यह किताब ट्रांजीशन पीरियड में लिखी गई, जब पपायरस स्क्रॉल, कोडेक्स फॉर्म में बदलने लगा था, काफी कुछ आज की किताबों के जैसे. The Crosby-Schøyen Codex में पीटर का पहला पत्र और योना की किताब शामिल है.
पांडुलिपि के पन्नों को दो संदूकों के भीतर, प्लेक्सीग्लास के पीछे रखा गया है. इसकी खोज 1950s में हुई थी. बाद में इसे यूनिवर्सिटी ऑफ मिसीसिपी ने हासिल कर लिया था. 1981 तक यह किताब वहीं पर रही. आखिरकार 1988 में नॉर्वे के पांडुलिपि कलेक्टर मार्टिन शॉयन ने इसे खरीदा. निजी हाथों में मौजूद यह दुनिया की सबसे पुरानी किताब है.
किताबों का इतिहास देखें तो यह पांडुलिपि इतिहास के उस दौर की गवाह है जब लिखकर सांस्कृतिक आदान-प्रदान का विकास शुरू हुआ. Christie's में किताबों के सीनियर स्पेशलिस्ट यूजेनियो डोनाडोनी ने सीएनएन से बातचीत में The Crosby-Schøyen Codex की अहमियत समझाई. यह किताब गुटेनबर्ग के प्रिंटिंग प्रेस और इलेक्ट्रॉनिक पब्लिशिंग और कम्युनिकेशन में 20वीं सदी की क्रांति जितनी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, 'हम किताब को जिस रूप में आज जानते हैं, यह उसके सबसे शुरुआती उदाहरणों में से एक है. यह निजी हाथों में मौजूद सबसे पुरानी पांडुलिपि है तो ऐसी कोई चीज दोबारा नीलामी होगी, लगता नहीं.'
डोनाडोनी के मुताबिक, यह किताब मेडिटेरेनियन के चारों तरफ ईसाई धर्म के शुरुआती प्रसार की गवाह थीं. ईसा मसीह के केवल कुछ सौ साल बाद और आखिरी गॉस्पेल लिखे जाने के केवल सौ साल बाद ही, ऊपरी मिस्र के शुरुआती ईसाई मठों में शुरुआती भिक्षु इस किताब का इस्तेमाल कर ईस्टर मना रहे थे.
अभी यह पांडुलिपि Christie’s के न्यूयॉर्क ऑक्शन हाउस में रखी है. 9 अप्रैल के बाद इसे लंदन भेज दिया जाएगा जहां जून में इसकी नीलामी होगी.