World Hypertension Day 2022: धीरे-धीरे लोगों को मौत का निवाला बना रहा हाइपरटेंशन, हर पांचवी महिला और चौथा पुरुष है शिकार
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World Hypertension Day 2022: धीरे-धीरे लोगों को मौत का निवाला बना रहा हाइपरटेंशन, हर पांचवी महिला और चौथा पुरुष है शिकार

World Hypertension Day 2022: उच्च रक्तचाप (Hypertension) के खतरों से दुनिया को जागरुक करने के लिए 17 मई को दुनिया भर में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है. यह धीरे-धीरे लोगों को लीलने वाली घातक बीमारी है.

World Hypertension Day 2022: धीरे-धीरे लोगों को मौत का निवाला बना रहा हाइपरटेंशन, हर पांचवी महिला और चौथा पुरुष है शिकार

World Hypertension Day 2022: उच्च रक्तचाप (Hypertension) के खतरों से दुनिया को जागरुक करने के लिए 17 मई को दुनिया भर में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है. जहां एक ओर विकसित देशों में हृदय रोगों से मौतों की संख्या में कमी हुई है वहीं कम आय वाले देशों में इसका खतरा बढ़ता जा रहा है. ऐसे में ये जानना बेहद जरुरी है कि हदय रोगों के सबसे बड़े रिस्क फैक्टर हाईपरटेंशन से भारत के लिए कितनी बड़ी टेंशन है.  

कितना खतरनाक है हाईपरटेंशन  

दुनिया में हर साल 10 मिलियन से ज्यादा मौतें हाईपरटेंशन (Hypertension) की कारण होती है, जिसमें से अकेले भारत में 1.6 मिलियन लोगों की जान जाती है . WHO के आकड़े के अनुसार भारत में 63 प्रतिशत मौतें गैर संचारित रोगों (noncommunicable diseses) के कारण होती है. इन मौतों का 27 प्रतिशत हिस्सा हृदय रोगों के कारण होता है. हृदय रोगों से देश की 40-69 साल के बीच की करीब 45 फीसदी आबादी प्रभावित होती है. हाईपरटेंशन (55 %)  हृदय रोगों के लिए सबसे बड़ा खतरा है. वहीं NSFH-5 सर्वे का डाटा बताता है कि भारत की पांच में से एक महिला (21.1 %) और चार मे से एक पुरुष (24%) उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं.  

दक्षिण भारत राज्यों में हाईपरटेंशन देश से 5 प्रतिशत ज्यादा  

NFHS-5 के सर्वे के अनुसार दक्षिण भारत के महिलाओं और पुरुषों दोनों में हाईपरटेंशन (Hypertension) देश के औसत से करीब 5 प्रतिशत ज्यादा है. दक्षिण भारत में 30 प्रतिशत पुरुषों और 26.4 प्रतिशत महिलाएं उच्च रक्तचाप की शिकार हैं. जबकि देश की पुरुषों और स्त्रियों में पीड़ितों की दर क्रमश: 24 और 21.3 प्रतिशत है.  

सिखों में हाईपरटेंशन सबसे ज्यादा  

वहीं सर्वे में ये भी पाया गया कि सिखों में उच्च रक्तचाप (Hypertension) के पीड़ित ज्यादा हैं. 37 प्रतिशत सिख पुरुष और 31 प्रतिशत सिख महिलाएं हाईपरटेंशन से जूझ रही हैं. वहीं जैन (30 % पुरुष और 25 % महिलाएं) और ईसाइयों ( 29 % पुरुष और 26 % महिलाएं) में भी देश के औसत से ज्यादा बीमारी है.  

मोटापे और उच्चरक्तचाप का कनेक्शन 

मोटापा अपने आप में एक बीमारी तो है ही मगर इसके साथ साथ ये कई अन्य जटिलताएं भी पैदा करती है. मोटापे और उच्च रक्तचाप (Hypertension) में एक तरह से सीधा संबध देखा जाता है. मोटापे को मापने वाले BMI (Body Mass Index) के बढ़ने पर मोटापा बढ़ना शुरु हो जाता है. 40 प्रतिशत  मोटे पुरुष और 28 प्रतिशत मोटी महिलाएं उच्च रक्तचाप का शिकार होती है.  

इन राज्यों में हाईपरटेंशन सबसे ज्यादा हाइपरटेंशन  

देश की हर पांच में से एक महिला (21.1 %) और चार मे से एक पुरुष (24%) उच्चरक्तचाप से पीड़ित हैं. सिक्किम राज्य के महिला (34.5 %) और पुरुष(41.6 %) दोनो उच्च रक्तचाप (Hypertension) के श्रेणी में उच्चतम पायदान पर हैं. इसके बाद पंजाब का नम्बर आता है जहां की 31.2 प्रतिशत महिलाएं और 37.7 प्रतिशत पुरुष हाईपर टेंशन का शिकार हैं.  

Source: NFHS-5 

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