Ramayan: अरविंद त्रिवेदी भगवान राम को अपशब्द कहने के बाद करते थे पश्चाताप, अपनाते थे ये अनोखा तरीका
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Ramayan: अरविंद त्रिवेदी भगवान राम को अपशब्द कहने के बाद करते थे पश्चाताप, अपनाते थे ये अनोखा तरीका

Ramayan: रामानंद सागर की 'रामायण' में अरविंद त्रिवेदी (Arvind Trivedi) ने अहम किरदार निभाया था. उन्होंने रावण की भूमिका में दर्शकों को खासा प्रभावित किया था. अरविंद त्रिवेदी 300 से अधिक हिंदी और गुजराती फिल्मों अभिनय कर दर्शकों से तारीफ बटोरी.

Ramayan: अरविंद त्रिवेदी भगवान राम को अपशब्द कहने के बाद करते थे पश्चाताप, अपनाते थे ये अनोखा तरीका

Ramayan: रामानंद सागर की 'रामायण' में अरविंद त्रिवेदी (Arvind Trivedi) ने अहम किरदार निभाया था. उन्होंने रावण की भूमिका में दर्शकों को खासा प्रभावित किया था. अरविंद त्रिवेदी 300 से अधिक हिंदी और गुजराती फिल्मों अभिनय कर दर्शकों से तारीफ बटोरी. उनसे जुड़ा एक बेहद रोचक किस्सा है जिसे कम ही लोग जानते हैं. 'रामायण' में रावण का किरदार निभाते वक्त वे कई बार भगवान श्री राम को अपशब्द बोलते थे. जिसका उन्हें हमेशा मलाल रहता था. 

उन्हें भगवान श्री राम को अपशब्द बोलना बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था. लेकिन किरदार में रहते हुए उन्हें इस अनचाहे काम को बखूबी निभाना पड़ता था. यही कारण है कि जब भी रामायण का जिक्र होता है तो अरविंद त्रिवेदी की चर्चा जरूर होती है. रावण का किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी असल जिंदगी में भगवान श्री राम के बहुत बड़े भक्त थे.

शूटिंग के दौरान भगवान श्री राम को अपशब्द कहने के बाद वे इसका पश्चचाताप भी करते थे. शूटिंग खत्म होने के बाद वे भगवान श्री राम को खुश करने के लिए अलग-अलग तरीका अपनाते थे. एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया था कि शूटिंग शुरू होने से पहले वे भगवान शिव और श्री राम की पूजा-अर्चना करते थे. आराधना कर वे भगवान राम से माफी मांगते थे. पूजा के दौरान वे भगवान राम से अपशब्द कहने के लिए क्षमा प्रार्थना करते थे.

उन्होंने कहा था, ‘मैं राम और शिव का भक्त हूं, पर मुझे शूटिंग में ऐसी बातें कहनी पड़ीं जो गुनाह है. मैं पाप के पश्चाताप के लिए पूरा दिन उपवास करता था. जब शूटिंग पूरी करने के बाद रात को घर पहुंचता था, तब व्रत खोलता था.’

अरविंद त्रिवेदी का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन में 8 नवंबर, 1938 को हुआ था. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत गुजराती थिएटर से की थी. रामायण में रावण की भूमिका निभाने के अलावा, उन्होंने कल्ट टीवी शो विक्रम और बेताल में भी अहम भूमिका निभाई. अभिनेता के भाई उपेंद्र त्रिवेदी भी गुजराती सिनेमा में एक जाना-पहचाना नाम थे. अरविंद ने धार्मिक और सामाजिक फिल्मों के माध्यम से गुजराती दर्शकों के बीच पहचान हासिल की, जहां उन्होंने 40 वर्षों तक योगदान दिया.

उन्होंने गुजराती फिल्मों में अभिनय के लिए गुजरात सरकार द्वारा सम्मानित सात पुरस्कार जीते. 2002 में, उन्हें केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था. अरविंद त्रिवेदी ने 20 जुलाई, 2002 से 16 अक्टूबर, 2003 तक सीबीएफसी प्रमुख के रूप में कार्य किया. 1991 में, दिवंगत अभिनेता को साबरकथा निर्वाचन क्षेत्र से संसद सदस्य के रूप में चुना गया था. वह भारतीय जनता पार्टी के सदस्य थे और 1996 तक इस पद पर रहे.

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