WhatsApp ने लॉन्च किया कॉल के दौरान IP Address छुपाने का नया फीचर, बना देगा व्हाट्सएप को साइबर अपराधियों का Safe Heaven
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WhatsApp ने लॉन्च किया कॉल के दौरान IP Address छुपाने का नया फीचर, बना देगा व्हाट्सएप को साइबर अपराधियों का Safe Heaven

WhatsApp News: व्हाट्सएप द्वारा 'Protect IP address in Call' फीचर को लॉन्च करने के बाद भी व्हाट्सएप ने भी अब तक कोई जानकारी आधिकारिक रूप से यूजर्स के लिए साझा नहीं की है. ये भी चिंता का एक विषय है.

WhatsApp ने लॉन्च किया कॉल के दौरान IP Address छुपाने का नया फीचर, बना देगा व्हाट्सएप को साइबर अपराधियों का Safe Heaven

WhatsApp Protect IP address in Call: ऑनलाइन मैसेंजर Whatsapp ने कुछ दिन पहले गुपचुप तरीके से Whatsapp कॉल के दौरान IP Address छुपाने का एक नया फीचर लांच किया है. इस नए फीचर का नाम है "Protect IP address in Call" लेकिन इस फीचर के लॉन्च होते ही देश भर के कई साइबर विशेषज्ञ ना सिर्फ इस फीचर के विरोध में खड़े हो गए हैं बल्कि Whatsapp के कॉल के दौरान IP Address को छुपाने वाले इस फीचर को साइबर विशेषज्ञ आम लोगों के लिए नहीं बल्कि साइबर अपराधियों और आतंकियों के लिए फायदे का सौदा करार दे रहे हैं.

ज़ी न्यूज की पड़ताल

Whatsapp कॉल की तकनीक पर ज़ी न्यूज के साथ बातचीत करते हुए साइबर विशेषज्ञ सनी नेहरा ने ज़ी न्यूज को बताया की Whatsapp पर ऑडियो कॉल हो या वीडियो कॉल दोनो IP to IP कॉल होती हैं, जिसमे कॉल करने वाला अपने IP Address से जिसे कॉल किया है उसके IP Address पर कॉल करता है और फोन के मेटा डेटा में कॉल करने वाले का IP Address सेव भी हो जाता है. ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के साथ Whatsapp कॉल के माध्यम से साइबर फ्रॉड होता है तो जांच एजेंसियां पीड़ित के फोन से साइबर अपराधी का IP address लेकर उसे पकड़ लेती हैं.

लेकिन अब Whatsapp के नए "Protect IP address in Call" फीचर से कॉल पहले कॉल करने वाले के IP address से Whatsapp के सर्वर पर जायेगी और फिर वहां से जिसे कॉल किया गया है उसके पास जायेगी और इस काम में वैसे तो कुछ मिली सेकंड का ही समय लगेगा लेकिन इससे जिसे कॉल किया गया है उसके फोन के मेटा डेटा में कॉल करने वाले के बजाए Whatsapp का IP Address सेव होगा, जिसके बाद Whatsapp कॉल के माध्यम से साइबर अपराध होने पर जांच एजेंसियों को Whatsapp से संपर्क करके जानकारी मांगनी होगी जिसमें हफ्तों से महीनों तक का समय लगेगा.

नए फीचर का विरोध 

भारत की कई जांच एजेंसियों को साइबर फोरेंसिक की ट्रेनिंग देने वाले देश के जाने माने साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे भी व्हाट्सएप के इस नए फीचर का विरोध कर रहे हैं. साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे के मुताबिक कॉल के दौरान IP Address छुपाने का फीचर पहले से टेलीग्राम जैसे प्लेटफार्म पर मौजूद है और यही कारण है की ये प्लेटफार्म आज साइबर अपराधियों का सबसे बड़ा गढ़ बना हुआ है ऐसे में व्हाट्सएप द्वारा भी Privacy के नाम जारी किए गए इस फीचर से Whatsapp भी ना सिर्फ साइबर अपराधियों का एक बड़ा गढ़ बन जायेगा बल्कि जांच एजेंसियों के लिए भी इन तक पहुंचने में कठिनाई होगी.

साइबर अपराध और बढ़ेगा

Whatsapp द्वारा इसी महीने जारी की गई Monthly Transparancy Report के मुताबिक Whatsapp ने 1 अगस्त से 31 अगस्त तक भारत के 71 लाख से ज्यादा अकाउंट्स को हटाया था जो उसके प्लेटफार्म का प्रयोग गैरकानूनी काम के लिए करते थे, ऐसे में साइबर विशेषज्ञ अमित दुबे की माने तो Whatsapp द्वारा IP Address को छिपाने के फीचर की वजह से Whatsapp कॉल के माध्यम से ना सिर्फ साइबर अपराध और बढ़ेगा बल्कि साइबर अपराधी भी बेखौफ हो जायेंगे.

वैसे भारत सरकार कई मौकों पर सार्वजनिक रूप से Whatsapp पर प्राइवेसी का हवाला देकर जांच एजेंसियों का सहयोग ना करने का आरोप लगा चुकी है ऐसे में साइबर विशेषज्ञ सनी नेहरा के मुताबिक Whatsapp द्वारा लॉन्च किए गए "Protect IP address in Call" फीचर से जांच एजेंसियां अपराधी को ट्रैक करने का जो काम मिनटों में कर लेती थी उस काम के लिए जांच एजेंसियों को महीने तक का समय लगेगा क्योंकि व्हाट्सऐप अपराधियों तक की जानकारी जांच एजेंसियों को सौंपने में काफी हफ्तों का समय लगाता है.

क्या होता है IP Address?

बताते चलें की IP Address यूजर के मोबाइल नेटवर्क यानी होस्ट और इंटरनेट के बीच एक 12 अंकों का यूनिक एड्रेस यानी डिजिटल पता होता है जिसका उपयोग डिवाइस आपस में कम्युनिकेशन के लिए करते हैं.  इस IP ADDRESS के माध्यम से व्यक्ति के नेटवर्क प्रोवाइडर से लेकर व्यक्ति किस स्थान पर पर मौजूद है इसके बारे में भी पता लगाया जा सकता है और यह साइबर FORENSIC जगत का बेहद खास टूल है,जिससे जांच एजेंसियां साइबर जगत में अपराध करने वालों तक पहुंचती हैं.

Zee news ने मांगा था रिएक्शन

Whatsapp द्वारा 'Protect IP address in Call' फीचर को लॉन्च करने के बाद भी व्हाट्सएप ने भी अब तक कोई जानकारी आधिकारिक रूप से यूजर्स के लिए साझा नहीं की है और जब ज़ी न्यूज ने Whatsapp से उसका इस फीचर पर पक्ष मांगा था तो अब तक 2 दिन बीत जाने के बावजूद Whatsapp ने कोई जवाब Zee news को नहीं दिया है.

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