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हैकर्स (Hackers) लोगों को ठगने के लिए कई तरह के वायरस (Virus) का इस्तेमाल करते हैं. फिशिंग मैसेज का उपयोग इन वायरसों को आपके फोन में डाउनलोड करने के लिए किया जाता है. ऐसे ही एक वायरस को लेकर बैंकों के ग्राहकों को आगाह किया जा रहा है. अन्य बैंकों जैसे SBI, PNB और Canara Bank के ग्राहकों को SOVA Malware के बारे में चेतावनी दी जा रही है. आइए बताते हैं क्या है SOVA Virus और इससे कैसे बचें...
SBI ने दी यूजर्स को कहा- हो जाएं अलर्ट...
SBI ने ट्वीट किया, 'मैलवेयर को अपने कीमती एक्सेस को चोरी न करने दें. हमेशा भरोसेमंद सोर्स से ही ऐप डाउनलोड करें.' आइए जानते हैं क्या है सोवा वायरस और इससे बचने के लिए आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
What Is SOVA Virus
SBI के अनुसार, SOVA एक एंड्रॉइड-आधारित ट्रोजन मैलवेयर है, जो व्यक्तिगत डेटा चोरी करने के लिए नकली बैंकिंग ऐप का उपयोग करने वाले लोगों को टारगेट कर रहा है. यह मैलवेयर यूजर्स के क्रेडेंशियल्स को चुराता है.जब वे नेट-बैंकिंग ऐप्स के माध्यम से अपने खाते तक पहुंचते हैं और लॉग इन करते हैं तो मैलवेयर यूजर की जानकारी रिकॉर्ड करता है. एक बार इंस्टॉल हो जाने पर, इस एप्लिकेशन को हटाने का कोई तरीका नहीं है.
कैसे करता है काम?
पंजाब नेशनल बैंक की वेबसाइट के अनुसार, SOVA Trojan malware किसी भी अन्य एंड्रॉइड ट्रोजन की तरह ही फिशिंग SMS के माध्यम से यूजर्स के डिवाइस पर भेजा जाता है. इस नकली एंड्रॉइड ऐप को इंस्टॉल करने के बाद, यह आपके स्मार्टफोन में इंस्टॉल किए गए अन्य ऐप का विवरण C2 (कमांड एंड कंट्रोल सर्वर) को भेजता है, जिसे हैकर्स कंट्रोल करते हैं. प्रत्येक टारगेटेड एप्लिकेशन के लिए, C2 मैलवेयर को पतों की एक सूची भेजता है और इस जानकारी को एक XML फाइल में स्टोर करता है. इन एप्लिकेशन को तब मैलवेयर और C2 के माध्यम से प्रबंधित किया जाता है. आसान भाषा में समझा जाए तो सबसे पहले यह मैलवेयर फिशिंग SMS के जरिए आपके फोन में इंस्टॉल हो जाता है. इंस्टालेशन के बाद यह ट्रोजन आपके फोन में मौजूद ऐप्स की डिटेल हैकर्स को भेजता है. अब हैकर फोन में मौजूद ऐप्स के लिए टारगेटेड एड्रेस की लिस्ट C2 की मदद से मालवेयर भेजता है. जब भी आप उन ऐप्स का उपयोग करते हैं, मैलवेयर आपके डेटा को एक XML फाइल में स्टोर करता है जिसे हैकर्स एक्सेस कर सकते हैं.
इस वायरस से हैकर्स कर सकता है इतना कुछ
यह मैलवेयर आपके फोन से कई तरह का डेटा चुरा सकता है. क्रेडेंशियल्स के अलावा, कुकीज, मल्टी-फैक्टर ऑथेंटिकेशन टोकन तक कॉपी कर सकते हैं. हैकर्स चाहें तो भी इस मैलवेयर की मदद से अपने फोन में स्क्रीनशॉट ले सकते हैं. वीडियो रिकॉर्ड कर सकते हैं. इस ट्रोजन की मदद से ऐसे कई काम किए जा सकते हैं.
बचने के लिए क्या करें?
अगर यह मैलवेयर आपके स्मार्टफोन में इंस्टॉल हो गया है, तो इसे हटाना मुश्किल है. इससे बचने का एक ही उपाय है, वह है सावधानी. इसलिए किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें. ऐप्स डाउनलोड करने के लिए हमेशा भरोसेमंद ऐप स्टोर का इस्तेमाल करें. किसी भी ऐप को डाउनलोड करने से पहले उसके रिव्यू जरूर चेक कर लें. ऐप्स को परमिशन देते समय सावधान रहें और इस बात पर ध्यान दें कि आप ऐप्स को किन-किन चीजों की परमिशन दे रहे हैं. एंड्रॉइड अपडेट डाउनलोड करते रहें और आप चाहें तो एंटी वायरस का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
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