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Success Story Of Ravish Naresh: भारत में पिछले कुछ सालों में बहुत सारे नए स्टार्टअप्स शुरू हुए हैं, जो नई खोजों और अपने खुद के बिज़नेस शुरू करने का एक नया दौर है. ये उद्यमी ऐसे नए-नए विचारों को आगे बढ़ा रहे हैं जो न सिर्फ बहुत सफल हो रहे हैं, बल्कि लोगों की जिंदगी को भी बहुत प्रभावित कर रहे हैं, चाहे वह उनके निजी जीवन हो या कामकाज का जीवन.
क्या है Khatabook App?
"खाताबुक" नाम की एक कंपनी 2018 में शुरू हुई थी. इसे पांच दोस्तों - अशिश सोनोने, धनेश कुमार, वैभव कालपे, जयदीप पूनिया और रविश नरेश ने मिलकर बनाया था. ये कंपनी बेंगलुरु में है और छोटे-बड़े दुकानदारों को उनके खर्चों और कमाई का हिसाब रखने में मदद करती है. साथ ही, ये कंपनी उन्हें ऑनलाइन पैसे लेने में भी मदद करती है. "खाताबुक" ने बहुत सारे व्यापारियों को पुराने तरीके छोड़कर डिजिटल तरीके से काम करने में मदद की है.
दुकानदारों के लिए अच्छी है यह ऐप
खाताबुक नाम की एक बेहतरीन ऐप है जिसे "काइट टेक्नोलॉजीज" कंपनी ने बनाया है. ये ऐप दुकानदारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. इस ऐप से दुकानदार अपने सामान का हिसाब आसानी से रख सकते हैं. साथ ही, वो अपने सारे हिसाब-किताब और उधार का लेन-देन भी इसी ऐप पर देख सकते हैं.
रविश नरेश हैं CEO
सबसे अच्छी बात ये है कि खाताबुक बिल्कुल मुफ्त है और ये आपके लेन-देन को पूरी तरह सुरक्षित रखता है. रविश नरेश बेंगलुरु के रहने वाले हैं और वो "खाताबुक" के CEO हैं. वो IIT बॉम्बे से पढ़े हैं और पहले Housing.com कंपनी के सह-संस्थापक और COO भी रह चुके हैं.
ऐसे आया आइडिया
Business Outreach के मुताबिक, "खाताबुक" बनाने वाले लोगों ने देखा कि भारत में लोग डिजिटल तरीके से पैसे लेन-देन करने लगे हैं, लेकिन अभी भी बहुत से लोग अपने खर्चों का हिसाब पुराने तरीके से ही रखते हैं. तो उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ऐसा ऐप बनाया जाए जिससे लोग आसानी से अपने खर्चों का हिसाब रख सकें. इस तरह "खाताबुक" ऐप बनाया गया.
MS Dhoni ने किया निवेश
"खाताबुक" में कई बड़े लोगों ने निवेश किया है, जिनमें से एम.एस. धोनी भी शामिल हैं. साल 2023 में, इस कंपनी की कीमत 4500 करोड़ रुपये तक पहुंच गई थी.