Inverter Battery: इन्वर्टर बैटरी में पानी डालने का क्या है सही तरीका? 99 प्रतिशत लोग करते हैं गलती
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Inverter Battery: इन्वर्टर बैटरी में पानी डालने का क्या है सही तरीका? 99 प्रतिशत लोग करते हैं गलती

How to Maintain Inverter Battery: इन्वर्टर बैटरी को लंबे वक्त तक चलाने के लिए उसमें नियमित रूप से पानी डाला जाना बहुत जरूरी होता है लेकिन क्या आपको पता है कि अधिकतर लोगों को इसके सही तरीके के बारे में जानकारी ही नहीं है. 

Inverter Battery: इन्वर्टर बैटरी में पानी डालने का क्या है सही तरीका? 99 प्रतिशत लोग करते हैं गलती

When to Put Water in Inverter Battery: बिजली कटौती होने पर किसी परेशानी से बचने के लिए हर घर में इन्वर्टर लगे होना आजकल सामान्य बात है. इन्वर्टर से बिजली के छोटे-मोटे उपकरण आसानी से चल जाते हैं. एक इन्वर्टर की लाइफ आमतौर पर 3-4 साल होती है. हालांकि मेनटिनेंस में लापरवाही बरतने की वजह से अक्सर इन्वर्टर (Inverter Battery Maintenance Tips) अपनी तय अवधि से पहले ही खराब हो जाते हैं. खासतौर से अधिकतर लोगों को इन्वर्टर में पानी डालने के सही तरीके का पता ही नहीं है. आज हम इस बारे में आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं. 

बैटरी को कैसे ठीक रखें?

आपका इन्वर्टर (How to Maintain Inverter Battery) कितने बेहतर तरीके से काम करेगा. यह सब उसमें मौजूद पानी की मात्रा पर निर्भर करता है. आमतौर पर लोग इन्वर्टर में पानी डालने में लापरवाही बरतते हैं और जब वह पूरी तरह ठप हो जाता है, तब वे नींद से जागते हैं. इससे बचने के लिए आप हर 15 दिन में एक बार इन्वर्टर की बैटरी का पानी चेक करना फिक्स कर लें.

केवल डिस्टिल्ड वाटर ही डालें

यह भी ध्यान रखें कि इन्वर्टर की बैटरी (How to Maintain Inverter Battery) में केवल डिस्टिल्ड वाटर का ही इस्तेमाल करें. उसमें गलती से भी आरओ वाटर या नल का पानी न डाल दें. ऐसा करने से आपकी बैटरी पूरी तरह बैठ जाएगी और फिर उसे ठीक करवाने के लिए आपको काफी पैसा खर्च करना पड़ेगा. 

इस बात का रखें खास ध्यान

एक्सपर्टों के मुताबिक इन्वर्टर की बैटरी (When to Put Water in Inverter Battery) में पानी का कम या ज्यादा होना दोनों ही नुकसानदेह है. इसलिए आप बैटरी में डिस्टिल्ड वाटर डालते वक्त ये देख लें कि उसमें पहले कितना पानी भरा है. किसी भी हालत में बैटरी को ऊपर तक पानी से ठसाठस न भरें. ऐसा करने से बैटरी में मौजूद एसिड बहुत पतला हो जाता है, जिससे इन्वर्टर अपनी तय अवधि से पहले ही खराब होने का अंदेशा हो जाता है. 

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