4G नेटवर्क को चलाने के लिए नोकिया और चीन से मदद ले रहा BSNL, जानिए आखिर क्यों?
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4G नेटवर्क को चलाने के लिए नोकिया और चीन से मदद ले रहा BSNL, जानिए आखिर क्यों?

BSNL 4G Network: रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएल अपने नए स्वदेशी रूप से विकसित 4G नेटवर्क को अपने मौजूदा 2G और 3G नेटवर्क के साथ जोड़ने में मदद के लिए नोकिया और जेडटीई जैसी कंपनियों से सलाह ले रही है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं. 

4G नेटवर्क को चलाने के लिए नोकिया और चीन से मदद ले रहा BSNL, जानिए आखिर क्यों?

सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL कथित तौर पर नोकिया और चीन की कंपनी जेडटीई से सलाह ले रही है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक बीएसएनएल अपने नए स्वदेशी रूप से विकसित 4G नेटवर्क को अपने मौजूदा 2G और 3G नेटवर्क के साथ जोड़ने में मदद के लिए नोकिया और जेडटीई जैसी कंपनियों से सलाह ले रही है. बीएसएनएल अपने आउटडोर 4G सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए इनकी विशेषज्ञता का लाभ उठाना चाहता है.

भारत सरकार ने सी-डॉट (C-DoT) के माध्यम से 4G नेटवर्क का मुख्य भाग (कोर नेटवर्क) स्वदेशी रूप से विकसित किया है. वहीं, रेडियो उपकरण टाटा समूह की कंपनी तेजस नेटवर्क्स द्वारा सप्लाई किए जा रहे हैं और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) सिस्टम इंटीग्रेटर के रूप में काम कर रही है.

सफल परीक्षण

C-DoT ने चंडीगढ़ और अंबाला में BSNL के कॉमर्शियल नेटवर्क पर अपने स्वदेशी 4G कोर का सफल परीक्षण किया है. फिलहाल, सेवाएं टेस्टबेड कोर नेटवर्क के माध्यम से दी जा रही हैं. मई-जून 2024 तक एक नियमित कोर नेटवर्क शुरू होने की उम्मीद है, जो 1 लाख से अधिक साइटों को संभाल सकेगा. हालांकि, कुछ सरकारी अधिकारियों का मानना है कि नए सिस्टम को पुराने नेटवर्क के साथ मिलाने में चुनौतियां हो सकती हैं. उनका कहना है कि नोकिया और जेडटीई जैसी कंपनियों के पास सी-डॉट की तुलना में 4G कोर टेक्नोलॉजी को विकसित करने के लिए 5-6 साल का अतिरिक्त समय था.

फिलहाल, BSNL प्रोग्रेस कर रहा है. पूरे भारत में नए डेटा सेंटर बनाए जा रहे हैं. एक बार चालू होने के बाद सभी रेडियो एक्सेस नेटवर्क (RAN) साइटें इन नए कोर से जुड़ जाएंगी. वर्तमान में 1,500 साइटें टेस्टबेड कोर के साथ काम कर रही हैं, जो 2 लाख यूजर्स और 5 लाख ग्राहकों को सेवा प्रदान कर रहीं हैं. उम्मीद है कि कुछ ही हफ्तों में नियमित कोर नेटवर्क के मुद्दों को हल कर लिया जाएगा और पूरे भारत में 4G सेवाएं शुरू हो जाएंगी. गौरतलब है कि ग्राहक पहले से ही स्वदेशी कोर नेटवर्क के माध्यम से प्रतिदिन लगभग 40 टेराबाइट डेटा का लेन-देन कर रहे हैं.

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