Eritrea No ATM Country: सबसे हैरानी की बात तो ये भी है कि आज भी इरिट्रिया के लोगों को पैसे निकालने के लिए बैंक जाना पड़ता है. यहां सोशल मीडिया साइट्स यूज करने के दौरान भी कई नियम फॉलो करने पड़ते हैं.
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Eritrea No ATM Country: आजकल बैंक अपने ग्राहकों को हर तरह की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं पैसों के ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाली एटीएम मशीन. हर छोटे-बड़े गांवों में एटीएम मशीन पहुंच चुकी है, लेकिन दुनिया में एक देश ऐसा भी है, जहां गांवों की तो छोड़िए पूरे देश में एक भी एटीएम नहीं है. इतना ही नहीं यहां के ज्यादातर नागरिकों के पास मोबाइल फोन्स नहीं हैं. फोन कॉल करने के लिए लोगों को पीसीओ बूथ जाना पड़ता है.
हर महीने पैसे निकालने की सीमा तय
हम बात कर रहे हैं अफ्रीकी देश इरिट्रिया, जो आधिकारिक तौर पर इरित्रिया स्टेट के नाम से भी जाना जाता है.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यहां नियम है कि लोग एक महीने में अपने अकाउंट से 23,500 रुपये से ज्यादा नहीं निकाल सकते. हालांकि, शादी जैसे बड़े आयोजनों के लिए कुछ छूट मिलती है, जिसके लिए तय सीमा से ज्यादा पैसे निकाल सकते हैं.
टेलीकॉम कंपनी
इरिट्रिया में एरीटेल नाम की एक टेलीकॉम कंपनी है, जो सरकार के नियंत्रण में है. यहां मोबाइल फोन के लिए सिम खरीदना भी बेहद मुश्किल है. इसके लिए स्थानीय प्रशासन की परमिशन जरूरी है. वहीं, सिम ले भी लिया तो उसमें इंटरनेट यूज नहीं कर सकते, क्योंकि सिम में मोबाइल डाटा नहीं होता है.
वही, सैलानियों को अस्थायी सिम खरीदना हो तो इसके लिए एप्लीकेशन देना पड़ता है, जिसमें 3-4 दिन लगते हैं. यहां लोग वाई-फाई के जरिए ही इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत है कि यह बेहद ही धीमा है. इंटनेशनल टेलीकम्युनिकेशन यूनियन की रिपोर्ट के मुताबिक कई दिक्कतों के चलते इरिट्रिया की महज एक फीसदी आबादी ही इंटरनेट यूज करती है.
टीवी देखने पर भी कई पाबंदियां
इरिट्रिया के नागरिक वही चैनल देख सकते हैं, जो सरकार दिखाना चाहती है. यहां की मीडिया को स्वतंत्र रूप से कुछ भी लिखने का अधिकार नहीं है. इतना ही नहीं सरकार की आलोचना करने वालों को यहां जेल की हवा खानी पड़ती है.
हर युवा को मिलिट्री ट्रेनिंग लेना अनिवार्य
जब तक यहां के युवा मिलिट्री सर्विस पूरी नहीं कर लेते, उन्हें पासपोर्ट तक नहीं मिलता है. हालांकि, इसके बाद भी देश छोड़ जाना आसान नहीं होता है, क्योंकि सरकार वीजा आसानी से नहीं देती है. इसके पीछे सरकार का तर्क है कि वे यहां से चले जाएंगे तो फिर लौटकर नहीं आएंगे.