FIFA: फैंस के लिए खुशखबरी! भारत को फिर मिल सकती है Under-17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी
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FIFA: फैंस के लिए खुशखबरी! भारत को फिर मिल सकती है Under-17 महिला वर्ल्ड कप की मेजबानी

Fifa Ban India: सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक टाल दी है चूंकि केंद्र ने कहा है कि भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप कराने को लेकर फीफा से बातचीत जारी है. 

फोटो (File)

Fifa Ban India: उच्चतम न्यायालय ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक टाल दी है चूंकि केंद्र ने कहा है कि भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप कराने को लेकर फीफा से बातचीत जारी है. न्यायालय ने केंद्र से विश्व कप भारत में कराने और एआईएफएफ का निलंबन हटाने के लिए जरूरी उपाय करने के लिये भी कहा.

अंडर 17 वर्ल्ड कप के लिए जारी है कोशिश

न्यायमूर्ति डी वाय चंद्रचूड, ए एस बोपन्ना और जे बी परीदवाला की पीठ को सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि सरकार और प्रशासकों की समिति ने फीफा के साथ दो बैठकें की है और भारत में अंडर 17 महिला विश्व कप कराने के प्रयास जारी हैं. उन्होंने मामले की सुनवाई 22 अगस्त तक स्थगित करने का अनुरोध करते हुए कहा ताकि एआईएफएफ के सक्रिय पक्षों के बीच सहमति बन सके. मेहता ने कहा कि न्यायालय के यह कहने से काफी मदद मिलेगी कि सभी पक्ष मामले का हल निकालने का प्रयास कर रहे हैं.

भारत में होना था अंडर विश्व कप

पीठ ने कहा कि अंडर 17 बच्चों के लिए यह बड़ा टूर्नामेंट है और उसे इसी से सरोकार है कि टूर्नामेंट भारत में हो. पीठ ने कहा कि कोई बाहरी इसमें दखल देगा तो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पीठ ने केंद्र से इस मसले पर सक्रिय भूमिका निभाने और एआईएफएफ का निलंबन हटाने में मदद के लिए कहा. भारत को करारा झटका देते हुए विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संचालन संस्था फीफा ने मंगलवार को तीसरे पक्ष द्वारा गैर जरूरी दखल का हवाला देकर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) को निलंबित कर दिया और उससे अक्टूबर में होने वाले अंडर-17 महिला विश्व कप के मेजबानी अधिकार छीन लिए.

अक्टूबर में होगा वर्ल्ड कप

भारत को 11 से 30 अक्टूबर के बीच फीफा प्रतियोगिता की मेजबानी करनी थी. यह पिछले 85 साल के इतिहास में पहला अवसर है जबकि फीफा ने एआईएफएफ पर प्रतिबंध लगाया. फीफा ने कहा था कि निलंबन तुरंत प्रभाव से लागू होगा. न्यायालय ने दिसंबर 2020 से चुनाव नहीं करवाने के कारण 18 मई को प्रफुल्ल पटेल को एआईएफएफ के अध्यक्ष पद से हटा दिया था और एआईएफएफ के संचालन के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश ए आर दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (सीओए) का गठन किया था. इसके बाद से ही प्रतिबंध लगने की आशंका जताई जा रही थी.

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