8 ओवर...8 विकेट, विपक्षी को 38 रन पर समेटा, पादरी बनना चाहता था यह खिलाड़ी फिर बना सबसे खतरनाक बॉलर
Advertisement
trendingNow12418970

8 ओवर...8 विकेट, विपक्षी को 38 रन पर समेटा, पादरी बनना चाहता था यह खिलाड़ी फिर बना सबसे खतरनाक बॉलर

Most Dangerous Bowler Story: श्रीलंका के पास दुनिया के सबसे महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन रहे हैं. लंकाई टीम ने सिर्फ मुरलीधरन के भरोसे सफलता हासिल नहीं की है. उसके पास चामिंडा वास और लसिथ मलिंगा जैसे तूफानी फास्ट बॉलर भी रहे हैं.

8 ओवर...8 विकेट, विपक्षी को 38 रन पर समेटा, पादरी बनना चाहता था यह खिलाड़ी फिर बना सबसे खतरनाक बॉलर

Most Dangerous Bowler Story: क्रिकेट इतिहास में एक से बढ़कर एक खतरनाक फास्ट बॉलर हुए हैं. वेस्टइंडीज के मैल्कम मॉर्शल से लेकर ऑस्ट्रेलिया के डेनिस लिली, पाकिस्तान के वसीम अकरम, इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन, साउथ अफ्रीका के डेल स्टेन तक ने अपनी तूफानी बॉलिंग से दुनिया के बल्लेबाजों को परेशान किया है. इस मामले में श्रीलंका के बॉलर्स भी कम नहीं रहे हैं. उसके पास दुनिया के सबसे महान स्पिनर मुथैया मुरलीधरन रहे हैं. लंकाई टीम ने सिर्फ मुरलीधरन के भरोसे सफलता हासिल नहीं की है. उसके पास चामिंडा वास और लसिथ मलिंगा जैसे तूफानी फास्ट बॉलर भी रहे हैं.

श्रीलंका के लिए 761 विकेट

चामिंडा वास को क्रिकेट इतिहास के टॉप फास्ट बॉलर्स में रखा जाता है. उन्होंने टेस्ट, वनडे और टी20 मिलाकर श्रीलंका के लिए 761 विकेट लिए हैं. वास ने तो वनडे फॉर्मेट में ही अकेले 400 विकेट झटके हैं. टेस्ट में उनके नाम 355 और टी20 में 6 विकेट हैं. वास के नाम वनडे में सबसे बेहतरीन स्पैल करने का भी रिकॉर्ड दर्ज है. उन्होंने 2001 में जिम्बाब्वे की टीम के खिलाफ कहर बरपा दिया और अकेले ही लगभग पूरी टीम को समेट दिया था.

होमग्राउंड पर बरपाया था कहर

वास ने अपने होमग्राउंड के कोलंबो में 8 दिसंबर 2001 को जिम्बाब्वे के खिलाफ 8 ओवर में 8 विकेट लिए थे. इस दौरान इस खतरना बॉलर ने 3 ओवर में तो कोई रन ही नहीं दिया था. उनके 8 ओवर में कुल 19 रन ही बने थे. वास की तूफानी बॉलिंग के कारण जिम्बाब्वे की टीम 40 रन का आंकड़ा भी नहीं छू पाई. श्रीलंका ने उसे 15.4 ओवर में 38 रन पर समेट दिया था. स्टुअर्ट कार्लिस्ले (16 रन) के अलावा कोई भी बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा नहीं छू पाया था. लंकाई टीम ने इस मैच को 4.2 ओवर में 1 विकेट पर 40 रन बनाकर जीत लिया था.

ये भी पढ़ें: क्रिकेट फैंस के लिए बुरी खबर, चोट के कारण लंबे समय के लिए बाहर हुआ ये खूंखार गेंदबाज, चैंपियंस ट्रॉफी में होगी वापसी!

एक नहीं, दो बार हैट्रिक ली

वास ने इस मैच में हैट्रिक भी ली थी. उन्होंने 10वें ओवर की तीसरी, चौथी और पांचवीं गेंद पर विकेट लिया था. वास ने कार्लिस्ले, क्रेग विशार्ट और ततेंदा ताइबू को आउट किया था. उन्होंने इसके बाद भी कई यादगार स्पैल किए. वास ने अपने करियर में 2 बार हैट्रिक ली है. जिम्बाब्वे के बाद उन्होंने दूसरी हैट्रिक 2003 में वनडे वर्ल्ड कप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ ली थी.

ये भी पढ़ें: 147 साल के टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में चमका इस बल्लेबाज का नाम, पहली बार बना ऐसा महारिकॉर्ड

पादरी बनना चाहते थे वास

कौन कहता है कि पादरी ही बनकर ईश्वर की सेवा की जा सकती है? चमिंडा वास ने तो क्रिकेट के मैदान पर ही भगवान की तरह गेंदबाजी करके सबका दिल जीत लिया. जी हां, बचपन में पादरी बनने का सपना देखने वाले चमिंडा वास बाद में श्रीलंका के एक बेहतरीन गेंदबाज बन गए. और क्या कमाल की बात है कि क्रिकेट जगत में उनका पूरा नाम सबसे लंबा है. वास का पूरा नाम 'वर्नाकुला सूर्या पताबेंडिगे उसंथा जोसफ चामिंडा वास' है.

ये भी पढ़ें: तहलका: भारत के स्टार गेंदबाज ने उगली आग, रहम मांगने लगे बल्लेबाज, सेलेक्टर्स की उड़ी नींद

क्रिकेट का जादू छाया और बन गए गेंदबाज

वास ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह पादरी बनने के बारे में गंभीरता से सोच रहे थे. इसके लिए 12 से 14 साल तक पढ़ाई करनी पड़ती है. इसी बीच, उनके ऊपर क्रिकेट का जादू छा गया गया और उन्होंने पादरी बनने के सपने को पीछे छोड़ दिया. वास ने अपने पहले सपने को त्याग कर क्रिकेट जगत के लिए बड़ा काम किया और दुनिया के टॉप गेंदबाजों में शामिल हो गए.

Trending news