टीम इंडिया को अपने इशारों पर चलाना चाहते हैं गंभीर! भारतीय क्रिकेट में उथल-पुथल जारी
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टीम इंडिया को अपने इशारों पर चलाना चाहते हैं गंभीर! भारतीय क्रिकेट में उथल-पुथल जारी

बदलाव के दौर में नई टीम तैयार करना कभी आसान नहीं होता और विशेष कर तब जबकि अपने करियर के अंतिम पड़ाव में चल रहे कुछ स्टार खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम का हिस्सा हों. भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी इसी दुविधा में फंसे हुए हैं. रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव की शुरुआत हो गई है.

टीम इंडिया को अपने इशारों पर चलाना चाहते हैं गंभीर! भारतीय क्रिकेट में उथल-पुथल जारी

बदलाव के दौर में नई टीम तैयार करना कभी आसान नहीं होता और विशेष कर तब जबकि अपने करियर के अंतिम पड़ाव में चल रहे कुछ स्टार खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम का हिस्सा हों. भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच गौतम गंभीर भी इसी दुविधा में फंसे हुए हैं. रविचंद्रन अश्विन के संन्यास के साथ ही भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव की शुरुआत हो गई है.

टीम इंडिया को अपने इशारों पर चलाना चाहते हैं गंभीर!

रविचंद्रन अश्विन ने भले ही यह फैसला स्वयं किया, लेकिन भारतीय क्रिकेट की समझ रखने वाला कोई भी व्यक्ति यह कह सकता है कि वॉशिंगटन सुंदर को उन पर तरजीह देने के गंभीर के फैसले ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई. गौतम गंभीर ने यह फैसला तब लिया जबकि कप्तान रोहित शर्मा पहला टेस्ट मैच खेलने के लिए पर्थ में नहीं थे. अश्विन के संन्यास लेने के बाद भारतीय टीम में अब चार बड़े खिलाड़ी विराट कोहली, रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा और मोहम्मद शमी रह गए हैं.

भारतीय क्रिकेट में बड़े बदलाव की शुरुआत

मोहम्मद शमी मौजूदा सीरीज में नहीं खेल रहे हैं, लेकिन उनके लिए टीम में वापसी करना अब पहले जैसा आसान नहीं होगा. बदलाव का यह दौर राहुल द्रविड़ के मुख्य कोच रहते हुए शुरू हो गया था, लेकिन उनके सामने गंभीर जैसी चुनौती नहीं थी. द्रविड़ ने ईशांत शर्मा और ऋद्धिमान साहा को बता दिया था कि अब टीम में उनके लिए जगह नहीं है.

रोहित और विराट रन बनाने के लिए जूझ रहे

ईशांत शर्मा और ऋद्धिमान साहा अनुभवी खिलाड़ी थे, लेकिन वह कोहली, रोहित, जडेजा और शमी जैसे स्टार नहीं थे. अब निश्चित तौर पर सीनियर खिलाड़ियों पर नजर है विशेष कर रोहित और विराट पर जो वर्तमान में रन बनाने के लिए जूझ रहे हैं. गंभीर पर भी नजर रहेगी क्योंकि उनके मुख्य कोच बनने के बाद भारत ने जो आठ टेस्ट मैच खेले हैं उनमें से चार मैच में उसे हार का सामना करना पड़ा जबकि उसने तीन मैच जीते और एक मैच ड्रॉ रहा. यह पूर्व सलामी बल्लेबाज इस तरह की शुरुआत की उम्मीद नहीं रहा था.

कोच के सामने कई सवाल खड़े हो गए

बदलाव के इस दौर में भारतीय टीम और उसके मुख्य कोच के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं. अगर भारत वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल के लिए क्वालीफाई नहीं कर पाता है तो क्या गंभीर की मुख्य कोच के रूप में स्थिति अस्थिर हो जाएगी. अभी इसका जवाब ना है.

क्या गंभीर की स्थिति अस्थिर हो जाएगी?

अगर भारत अगले साल के शुरू में चैंपियंस ट्रॉफी नहीं जीत पाता है तो क्या गंभीर की स्थिति अस्थिर हो जाएगी. इसका जवाब भी ना होगा. सबसे बड़ा सवाल आया है कि क्या भारतीय क्रिकेट बोर्ड गंभीर को अपनी टीम तैयार करने के लिए पूरी छूट देगा जिसमें जसप्रीत बुमराह टेस्ट टीम के संभावित कप्तान होंगे. अभी तुरंत नहीं ऐसा होगा लेकिन इसमें बहुत अधिक समय भी नहीं लगेगा.

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